Edited By swetha,Updated: 14 Jun, 2019 10:02 AM
भारतीय रेल उस समय एक बार फिर हांफते दिखी जब पठानकोट-अमृतसर रेलखंड पर भड़ोली जंक्शन पर फाटक नं.-79 के कुछ ही मीटर की दूरी पर कांटा नं.-102 पर रेलगाड़ी ‘डी रेल’ हो गई।
पठानकोट(शारदा): भारतीय रेल उस समय एक बार फिर हांफते दिखी जब पठानकोट-अमृतसर रेलखंड पर भड़ोली जंक्शन पर फाटक नं.-79 के कुछ ही मीटर की दूरी पर कांटा नं.-102 पर रेलगाड़ी ‘डी रेल’ हो गई। उक्त घटना दोपहर 3 बजकर 50 मिनट पर घटी जब उक्त रेलगाड़ी पठानकोट कैंट से गुरदासपुर रेलवे स्टेशन की ओर जा रही थी तथा भड़ोली जंक्शन को क्रास करने लगी तो उक्त स्थल पर एकाएक तकनीकी खराबी आने से डी रेल हो गई।
जब तक रेलगाड़ी के गार्ड व लोको पायलट को हुए घटनाक्रम संबंधी कुछ समझ आता तब तक रेलगाड़ी में लगी हुई एक रेल ट्रॉली ने रेल ट्रैक से उतरते हुए ट्रैक के बीच लगे सीमैंट के 470 स्लीपरों को बुरी तरह रौंदकर 300 मीटर आगे सरक चुकी थी। रेलगाड़ी के डी रेल होने से रेलखंड पर स्थित कांटा नं.-101 व 102 बुरी तरह प्रभावित हुए। उन्हें बाद में रेल संचालन के लिए बदला गया। गनीमत यह रही कि यह यात्रियों से भरी रेलगाड़ी न होकर सेना का समान ढोने वाली रेल ट्रॉलियां थीं, जिसके आगे दो बोगियों के साथ इंजन भी लगा था। खुदा न खास्ता इस समय अगर कोई सामान्य या एक्सप्रैस रेलगाड़ी इसी ट्रैक पर गुजरती तो बड़ा हादसा घटित होने से कोई रोक नहीं सकता था।
दूसरी ओर इस गाड़ी के डी रेल होने की सूचना मिलते ही विभागीय अमले में हड़कम्प मच गया। इसके बाद सूचना मिलने पर रेलवे के इंजीनियरिंग विभाग से लेकर अन्य विभागीय अमले ने घटनास्थल का फौरी रुख किया व स्थिति की समीक्षा की।वहीं रेलगाड़ी के डी रेल होने से पठानकोट-अमृतसर रेलखंड पर रेल यातायात करीब 3 घंटे तक प्रभावित हुआ। बाद में तकनीशियनों व इंजीनियरों ने मिलकर उपरोक्त तकनीकी फॉल्ट को दूर करते हुए उक्त डी रेल हुई गाड़ी के अगले हिस्से को आगे व पिछले को पीछे की ओर ले गए। इसके बाद जाकर रेल यातायात बहाल हो सका।
रेलवे फाटक लंबे समय तक बंद रहने से जनता हुई परेशान
वहीं डी रेल होने से जहां विभागीय अमले को हाथ-पैरों की पड़ गई, वहीं भड़ोली रेलवे स्टेशन का रेलवे फाटक लंबे समय तक बंद रहने से गांव की जनता को आर-पार आने-जाने से दिक्कतें हुईं। वहीं ग्रामीणों ने रोष प्रकट करते हुए कहा कि आए दिन ऐसी परेशानियों से उन्हें जूझना पड़ता है। ऐसे में विभाग को चाहिए कि जो यहां पर आर.ओ.बी. बनाया जाना स्वीकृत हुआ है उसे शीघ्र बनाकर उनकी परेशानियों का अंत करे।