पंजाब और जम्मू-कश्मीर को जोडने वाले रेलवे पुल का अस्तित्व खतरे में

Edited By swetha,Updated: 08 Oct, 2018 10:17 AM

illegal mining case

एक तरफ माइनिंग पर पंजाब सरकार द्वारा रोक लगाई हुई है। पर पठानकोट जिले में सरकार की हिदायत लागू नहीं होती, तभी यहां न तो इस पर पूरी तरह रोक लग सकी और न ही माफिया पर कोई कड़ी कार्रवाई देखने को मिली। इसी के चलते अवैध रास्तों का इस्तेमाल ट्रकों के...

पठानकोट(कंवल): एक तरफ माइनिंग पर पंजाब सरकार द्वारा रोक लगाई हुई है। पर पठानकोट जिले में सरकार की हिदायत लागू नहीं होती, तभी यहां न तो इस पर पूरी तरह रोक लग सकी और न ही माफिया पर कोई कड़ी कार्रवाई देखने को मिली। इसी के चलते अवैध रास्तों का इस्तेमाल ट्रकों के आने-जाने के लिए किया जाता है। माइनिंग से जुड़े लोगों व रावी नदी से सटे क्रशरों से रेत, बजरी को ले जाने वालों ने कई जगह कानून को ठेंगा दिखाकर अवैध रूप में जाने हेतु रास्ते बना रखे हैं। इससे कोई बड़ा हादसा भी हो सकता है।

ऐसा ही एक अवैध रास्ता पंजाब और जम्मू-कश्मीर को जोड़ने वाले रावी दरिया पर बनाया गया है। रावी नदी पर बने पठानकोट-जम्मू रेलवे पुल जिसके नीचे से अवैध रूप में रास्ता बनाकर रेत, बजरी से भरे भारी भरकम ट्रकों को निकाला जाता है। रोजाना यहां से सैंकड़ों की संख्या में भारी भरकम ट्रकों, ट्रालों के चलने के कारण इस रेलवे पुल को कभी भी बड़ा खतरा पैदा हो सकता है। यह बात रेलवे विभाग के अधिकारी भी मानते हैं, मगर इसके बावजूद आज तक इस अवैध बने रास्ते को बंद करने के लिए विभाग द्वारा कोई कार्रवाई न करना भी खुद में कई सवाल खड़े करता है।

वहीं रेलवे पुल को इतना बड़ा संभावित खतरा भांपते हुए भी रेलवे प्रशासन ने अभी तक इसकी ओर कोई ध्यान नहीं दिया। वहीं रावी दरिया के ऊपर बने पठानकोट-जम्मू रेलवे पुल के नीचे बनाए गए अवैध रास्ते के बारे में ‘पंजाब केसरी’ द्वारा मुद्दा उठाए जाने के बाद रेलवे विभाग ने कार्रवाई करते इस रास्ते को बंद कर दिया था, मगर कुछ समय पश्चात रेत, बजरी से भरे ट्रक-ट्रालों ने इस अवैध रास्ते को इस प्रकार बना रखा है कि जैसे इस रास्ते को रेलवे विभाग द्वारा विशेष रूप में उनके लिए ही बना कर दिया हो। 

विभाग भले ही इस अवैध रास्ते को बनाने वालों व वहां से गुजरने वाले भारी वाहनों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने को तो कहता है, मगर पता नहीं किस दबाव या किसी अन्य कारण अभी तक न तो रेलवे पुल के नीचे अवैध रास्ता बनाने वाले या पुल के नीचे से गुजरने वाले वाहनों खिलाफ कभी तक कोई कार्रवाई होती दिखाई नहीं दी। इसी कारण नियमों को छिक्के पर टांग कर पुल के नीचे बनाए अवैध रास्ते से रोजाना ही सैंकड़ों की संख्या में रेत, बजरी से भरे ट्रक-ट्रालों का निकलना धड़ल्ले से बेरोक-टोक जारी है, जिससे रेलवे पुल को कभी भी खतरा पैदा हो सकता है, जो बड़े दुखदाई हादसे को जन्म दे सकता है।

गंभीरता से जांच करके होगी कार्रवाई: डी.आर.एम.
 पंजाब व जम्मू-कश्मीर को जोडऩे वाले रावी दरिया पर बने इस रेलवे पुल के बारे में जब रेलवे विभाग के फिरोजपुर मंडल के डी.आर.एम. विवेक कुमार से बात की गई तो उन्होंने कहा कि इस मामले की जब भी विभाग को शिकायत मिली है, विभाग द्वारा समय-समय पर पुल के नीचे बनाए अवैध रास्ते को बंद करवाया गया है, मगर बाद में फिर इस रास्ते को इस्तेमाल किया जा रहा है तो रेलवे पुल के नीचे से किसी को भी अवैध रास्ता बनाने की इजाजत नहीं दी जा सकती। इस पूरे मामले की गंभीरता से जांच करके कार्रवाई होगी। उन्होंने इस बात का भी आश्वासन दिया कि अभी तक पुल को किसी तरह का कोई नुक्सान नहीं है।
 

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