Edited By Punjab Kesari,Updated: 29 May, 2018 09:38 AM
मध्यम मई माह से भगवान सूर्य देव ने मौसम में तल्खी का पुट भरते हुए आकाश से आग बरसानी शुरू कर दी थी। इसने आते-आते पारा रिकार्ड ऊंची छलांग लगा चुका है। चिलचिलाती धूप व लू के थपेड़ों से जनता बुरी तरह जूझ रही है। लू की मार से बाजारों से रौनक गायब है।
पठानकोट(शारदा): मध्यम मई माह से भगवान सूर्य देव ने मौसम में तल्खी का पुट भरते हुए आकाश से आग बरसानी शुरू कर दी थी। इसने आते-आते पारा रिकार्ड ऊंची छलांग लगा चुका है। चिलचिलाती धूप व लू के थपेड़ों से जनता बुरी तरह जूझ रही है। लू की मार से बाजारों से रौनक गायब है।
दोपहर के समय जब सूर्य सिर पर होता है तो घरों से बाहर निकलना एवरैस्ट फतेह करने के समान हो जाता है। सप्ताह के पहले दिन भी पारा 42 डिग्री को छू गया जिससे तापमान व गर्मी बढऩे से क्षेत्र की जनता बुरी तरह झुलस रही है, वहीं पशु-पक्षी भी प्यासे इधर-उधर पानी की तलाश में मारे-मारे फिर रहे हैं। आगामी दिनों में पारा ऊपर चढने की संभावना है।
मौसम पूरी तरह साफ रहने से बारिश के कहीं कोई आसार नहीं बन रहे हैं। न्यूनतम तापमान 27 डिग्री बना हुआ है। गर्मी व लू की मार से त्रस्त लोग राहत पाने के लिए पहाड़ों का रुख कर रहे हैं। गर्मी का रुख तेज होने से पेयजल किल्लत कहीं न कहीं बनी हुई हैं क्योंकि भू-जल स्तर में निरंतर गिरावट दर्ज हो रही है।
गर्मी से बचने के लिए पूरी एहतियात बरतनी चाहिए: डा. भूपिंद्र
सिविल अस्पताल में एस.एम.ओ. डा.भूपिंद्र सिंह के अनुसार प्रचंड गर्मी से बचने के लिए पूरी एहतियात बरतनी चाहिए। धूप के सीधे चपेट में आने से बचना चाहिए। लू की मार से बचने के लिए पर्याप्त पानी व नींबू पानी का सेवन करना चाहिए। घर से बाहर निकलते समय आंखों पर चश्मा व पूरी बाजू के वस्त्र पहनने चाहिए। धूप में बाहर से घर आने पर तुरंत नहाना नहीं चाहिए।
आंखों व चेहरे को धूप के सीधे सम्पर्क में आने से बचाना चाहिए। दूसरी ओर प्रचंड गर्मी को लेकर बाहरी राज्यों से यात्रियों का आना-जाना बेहद कम हो चुका है। पठानकोट बस स्टैंड पर खड़ी सवारी हेमलता व सुनीता ने कहा कि एक तरफ गर्मी यौवन पर है, दूसरा बस में सफर करना इस गर्मी में बेहद मुश्किल है। निजी बस चालकों के कंडक्टरों ने भी गर्मी का असर बताते हुए कहा कि इस समय सिर्फ मजबूरीवश जाने वाले यात्री सफर कर रहे हैं जबकि जैसे रूटीन में पहले रश होता था वह काफी कम हो चुका है।