Edited By bharti,Updated: 12 Oct, 2018 01:08 PM
गत रात गुरदासपुर के विभिन्न स्थानों पर बारिश के साथ हुई ओलावृष्टि ने खेतों में कटाई के लिए तैयार...
गुरदासपुर (हरमनप्रीत/विनोद): गत रात गुरदासपुर के विभिन्न स्थानों पर बारिश के साथ हुई ओलावृष्टि ने खेतों में कटाई के लिए तैयार खड़ी धान की फसल को बुरी तरह से प्रभावित किया है। खासतौर पर जिले के ब्लॉक गुरदासपुर, फतेहगढ़ चूडिय़ां, डेरा बाबा नानक व कलानौर के कई गांवों में धान की फसल नीचे गिर गई है जिससे बेमौसमी बरसात ने इलाकों की बेहतर पैदाइश होने की उम्मीद पर पानी फेर दिया है। इसके साथ ही यह बारिश सर्दियों की सब्जियों, दालों व चारे वाली फसलों के लिए आफत सिद्ध हुई है। जहां ओलावृष्टि हुई है उन क्षेत्रों में फसलों के पत्ते झड़ गए हैं जिससे किसानों को नुक्सान हुआ है।
गांव ततला, परसोंका, कोट मोहन लाल, पूरोवाल अराईयां, गजनीपुर में ओले गिरने से किसानों की फसल पूरी तरह से नष्ट हो गई। गांव ततला निवासी अजीत राम की 7 एकड़, सरदूल सिंह की 5 एकड़, हीरा सिंह की 10, सुभाष चन्द्र की 3, रिन्कू सिंह की 20, कर्ण सिंह की 12, सावन सिंह की 20, कुलवंत सिंह की 22 तथा निशान सिंह की 10 एकड़ फसल नष्ट हो गई है। उक्त किसानों ने जिलाधीश गुरदासपुर से मांग की कि उनकी खराब फसल का निरीक्षण कर मुवाअजा दिलाएं। इसी तरह हसनपुर, गजनीपुर, ततले, मंगलसैन, सेखूपुर सहित विभिन्न स्थानों पर भी ओलावृष्टि होने से फसल का भारी नुक्सान हुआ है।
1 से 1.5 क्विंटल तक झाड़ कम होने की संभावना
खेती माहिरों के मुताबिक ओलावृष्टि से फसल की पैदावार कम हो सकती है। क्योंकि ओलावृष्टि से फसल के दाने गिर गिए हैं जिस कारण एक एकड़ में 1 से 1.5 क्विंटल तक झाड़ कम होने की संभावना है।
मंडियों में धान के भीगने से किसानों की बढ़ी मुश्किलें
जिले में पहले से ही मंडियों में आ रहे धान में नमी की मात्रा 22 फीसदी से अधिक बताई जा रही थी जिस कारण किसान अभी फसल की कटाई में देरी से कर रहे हैं लेकिन अब दोबारा हुई बारिश के कारण धान में नमी और बढऩे की संभावना बन गई है जिसके चलते मंडियों में किसानों को पहले से भी अधिक परेशानी झेलनी पड़ सकती है। दोरांगला, काहनूवान, बहरामपुर, कलानौर, दीनानगर, धारीवाल आदि इलाकों की अनाज मंडियां कच्ची हैं, वहां बिक्री के लिए आया धान भीग गया है।बहरामपुर/गुरदासपुर (गोराया): क्षेत्र के किसान गुरशरण सिंह सोनू, किसान नेता सुखदेव सिंह थम्मण, ठाकुर पंजाब सिंह, पवन कुमार मराड़ा, राणा नोशहरा आदि का कहना है धान व बासमती का ओलों से नुक्सान हुआ है। किसानों को अब खेतों के सूखने का करना इंतजार करना पड़ेगा।