Edited By Vatika,Updated: 19 Oct, 2019 11:39 AM
इस वर्ष कई कारणों से धान की कटाई का कार्य बेहद पिछड़ गया है जिसके चलते सरकारी खरीद शुरू होने के करीब 18 दिनों बाद भी 85 प्रतिशत से ज्यादा धान और बासमती की फसल खेतों में ही खड़ी है।
गुरदासपुर(हरमनप्रीत): इस वर्ष कई कारणों से धान की कटाई का कार्य बेहद पिछड़ गया है जिसके चलते सरकारी खरीद शुरू होने के करीब 18 दिनों बाद भी 85 प्रतिशत से ज्यादा धान और बासमती की फसल खेतों में ही खड़ी है। ऐसी स्थिति में जब पहले ही किसान धान में नमी और हरे दानों को लेकर काफी परेशान हैं तो आज आसमान में छाए बादलों ने किसानों के चेहरों की रौनक उड़ा दी है। उल्लेखनीय है कि इस वर्ष बेमौसमी बारिश के कारण पहले ही धान की फसल पूरी तरह पकी नहीं जिस कारण अभी तक धान की कटाई का काम पूरी तरह जोर नहीं पकड़ सका। परिणाम स्वरूप मंडियों में भी अभी तक कुल अनुमान की सिर्फ 15 प्रतिशत के करीब धान की फसल ही पहुंची है।
अभी तक हरी है बहुत से स्थानों पर धान व बासमती की फसल
हालात ये बने हुए हैं कि अधिकांश खेत ऐसे हैं जिनमें फसल का रंग भी पूरी तरह पीला नहीं हुआ है। ऐसी स्थिति में किसान इस बात को लेकर परेशान हैं कि यदि वे जल्दी फसल की कटाई कर लेते हैं तो उसमें नमी की मात्रा ’यादा होने के कारण पूरा भाव नहीं मिलेगा और यदि फसल पकने का इंतजार करते हैं तो उनको मौसम खराब होने का डर है। ऐसी स्थिति में किसान अनिश्चितता में फंसे हुए हैं।
मंडियों में पहुंची धान की केवल 15 प्रतिशत फसल
जिला गुरदासपुर में धान और बासमती की फसल 1 लाख 71 हजार हैक्टेयर क्षेत्रफल में है जिसमें से 45 हजार हैक्टेयर क्षेत्रफल बासमती के तले है। इस क्षेत्रफल में से जिले की मंडियों में करीब 6 लाख 2& हजार मीट्रिक टन धान की आमद होने का अनुमान है, जबकि 16 अक्तूबर की शाम तक सिर्फ 1149&6 मीट्रिक टन धान की आमद हुई थी। एक अनुमान अनुसार अभी तक मंडियों में सिर्फ 15 प्रतिशत के करीब धान की फसल ही पहुंची है।
धूप के कारण धान की नमी में आई कुछ गिरावट
दूसरी तरफ पिछले कुछ दिनों से लग रही धूप के कारण धान की नमी में कुछ गिरावट आई थी। धान में पहले नमी की जो मात्रा 20 प्रतिशत थी, वह अब मंडियों में आ रही धान में करीब 18 से 19 प्रतिशत बताई जा रही है। यदि मौसम ठीक रहा व लगातार धूप निकलती है तो यह नमी और भी घटने की संभावना है। इससे खेतों में खड़ी बासमती की फसल भी अ‘छी तैयार होगी और उसमें किसानों को पूरा भाव मिलेगा।