Edited By Punjab Kesari,Updated: 13 Jul, 2018 10:36 AM
आवारा एवं खूंखार सांडों की नगर में खूनी सल्तनत के अब गंभीर परिणाम जनता को भुगतने पड़ रहे हैं जबकि भाजपानीत नगर निगम इस मामले में दोनों हाथ खड़े किए हुए हैं जिसका नतीजा यह है कि खूंखार सांडों का बादशाहत व खौफ और दोगुना हो गया है। यह नगर निगम प्रशासन...
पठानकोट(शारदा, आदित्य): आवारा एवं खूंखार सांडों की नगर में खूनी सल्तनत के अब गंभीर परिणाम जनता को भुगतने पड़ रहे हैं जबकि भाजपानीत नगर निगम इस मामले में दोनों हाथ खड़े किए हुए हैं जिसका नतीजा यह है कि खूंखार सांडों का बादशाहत व खौफ और दोगुना हो गया है। यह नगर निगम प्रशासन की खुली निष्क्रियता है कि अब आवारा सांडों के निशाने पर आम जनता के साथ राजनीतिक दलों के सदस्य भी हादसों का शिकार होने लगे हैं।
खूंखार सांडों की समस्या कितनी भयावह हो चुकी है इसकी बानगी उस समय देखने को मिली जब नगर निगम जिस पर इन सांडों को नकेल कसने व कैटल पौंड में छोडऩे का जिम्मा है, के कार्यालय के सामने ही दो खूंखार सांड आपस में भिड़ गए। आपस में लड़ रहे खूंखार सांडों में से इसी बीच नगर निगम के कर्मचारी नेता रहे मौजूदा महिला पार्षद के पिता आर.एल. सोनी को चपेट में लेकर बुरी तरह घायल कर दिया जो अब गंभीर रूप से घायल हो गए हैं।
वहीं आम जनता इस घटना से इस कद्र खौफजदा व निगम की कार्यप्रणाली को लेकर कोस रही है कि क्या खूंखार सांड इतने बेखौफ हो गए हैं? अगर वह कार्यालय के सामने लोगों को घायल कर सकते हैं तो कार्यालय के अंदर बैठे निगम के मेयर व अन्य उच्चाधिकारी और कितने दिन इनसे अछूते रह सकेंगे?