Edited By swetha,Updated: 19 Jun, 2018 01:35 PM
पंजाब के खजाने पर छाए बादलों ने पंजाब में करीब 6.50 लाख कर्मचारियों व पैंशनरों को महंगाई के बावजूद भी महंगाई भत्ते की किस्तों से वंचित किया हुआ है। मुलाजिम जत्थेबंदियों की तरफ से पिछली तथा मौजूदा सरकार के कार्यकाल दौरान किए गए कई रोष प्रदर्शनों के...
गुरदासपुर(हरमनप्रीत): पंजाब के खजाने पर छाए बादलों ने पंजाब में करीब 6.50 लाख कर्मचारियों व पैंशनरों को महंगाई के बावजूद भी महंगाई भत्ते की किस्तों से वंचित किया हुआ है। मुलाजिम जत्थेबंदियों की तरफ से पिछली तथा मौजूदा सरकार के कार्यकाल दौरान किए गए कई रोष प्रदर्शनों के बावजूद स्थिति यह बनी हुई है कि न तो इन लाखों कर्मचारियों को महंगाई भत्ते की पिछली किस्तों के बकाए नसीब हुए हैं, न ही नई सरकार ने महंगाई भत्ते की नई किस्त जारी की है। और तो और 6वें पे-कमिशन की रिपोर्ट लागू करने का मामला भी फिलहाल अटका हुआ है।
26 महीनों के बकाए की कोई उम्मीद नहीं
मुलाजिम नेताओं ने कहा कि पिछली अकाली-भाजपा गठजोड़ सरकार ने भी कर्मचारियों को कोई राहत नहीं दी थी। गठजोड सरकार के कार्यकाल में महंगाई भत्ता तो मिलना शुरू हो गया था, परन्तु कर्मचारियों को करीब 26 महीनों का बकाया देने के लिए पिछली सरकार ने कर्मचारियों की एक भी नहीं सुनी। इस के चलते जुलाई 2015, जनवरी 2016 तथा जुलाई 2016 की डी.ए. की 3 किस्तों के बकाए अभी भी कर्मचारियों तथा पैंशनरों को नसीब नहीं हुए। अलग-अलग कैडर के मुताबिक प्रत्येकमुलाजिम का महंगाई भत्ते से संबंधित करीब 1 से डेढ़ लाख रुपए दबाए बैठी है। कुछ कर्मचारियों ने बताया कि 3 वर्ष पहले घोषित 6वें पे-कमिशन की सिफारिशें भी जनवरी 2016 से लागू होनी हैं। इस कारण 1 जनवरी 2016 से अब तक करीब 29 महीनों का बढऩे वाला डी.ए. भी बकाया है।
26 महीनों के बकाए की कोई उम्मीद नहीं
डैमोक्रेटिक मुलाजिम फैडरेशन पंजाब के सीनियर उप प्रधान अमरजीत शास्त्री ने बताया कि इस सरकार ने सिर्फ डी.ए. की किस्तों तथा बकाए के बिल ही नहीं रोके बल्कि केंद्र सरकार के साथ संबंधित स्कीमों के अंतर्गत अलग-अलग विभागों में काम कर रहे कर्मचारियों को वेतन भी बहुत मुश्किल तथा देरी से नसीब हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि स्थिति यह बनी हुई है कि खजाना कार्यालयों में वित्तीय एमरजैंसी जैसे हालात हैं। कर्मचारियों को अपने ही फंड निकलवाने के लिए परेशान होना पर रहा है। ग्रैच्यूटी, अर्जित अवकाश, इंक्रीमैंट से संबंधित बकाए, जी.पी.एफ. एडवांस, मैडीकल बिलों सहित कई अदायगियां नहीं हो रहीं, जिस के चलते मुलाजिम वर्ग में सरकार प्रति भारी रोष पाया जा रहा है।
कैप्टन सरकार ने नहीं दी डी.ए. की कोई किस्त
पंजाब स्टेट सुबाॢडनेट सॢवसेज फैडरेशन के प्रांतीय चेयरमैन रघुबीर सिंह बडवाल ने बताया कि मौजूदा सरकार ने पंजाब के कर्मचारियों के साथ पक्षपाती रवैया अपनाया हुआ है। एक तरफ महंगाई कर्मचारियों तथा आम लोगों की कमर तोड़ रही है, वहीं दूसरी तरफ कैप्टन सरकार ने जनवरी 2017, जुलाई 2017 तथा जनवरी 2018 की 3 किस्तों जारी ही नहीं कीं। उन्होंने कहा कि जो सरकार अपने कार्यकाल में डी.ए. की एक भी किस्त नहीं दे सकी, उस से पिछली सरकार के बकाए मिलने की क्या उम्मीद की जा सकती है?