Edited By Punjab Kesari,Updated: 11 May, 2018 03:11 PM
पंजाब के फाजिल्का जिले की 60 वर्षीय महिला किसान कर्मजीत कौर पूरे पंजाब में किन्नू क्वीन के नाम से जानी जाती हैं।
फाजिल्काः पंजाब के फाजिल्का जिले की 60 वर्षीय महिला किसान कर्मजीत कौर पूरे पंजाब में किन्नू क्वीन के नाम से जानी जाती हैं। उन्हें यह उपाधि किसी और ने नहीं बल्कि तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने दी थी। अपनी मेहनत की बदौलत उन्होंने यह मुकाम हासिल किया और आज भी वह 45 एकड़ जमीन पर पूरी तत्परता से खेती कर रही हैं।
पुरानी यादों को ताजा करते हुए कर्मजीत कौर बताती हैं कि मायका परिवार राजस्थान से था और संपन्न भी था। सामाजिक रूढि़वादिता के चलते मैं कक्षा आठ तक ही पढ़ सकी थी। समाज में अपना एक स्थान बनाना चाहती थी, लेकिन कम पढ़ी-लिखी थी सो कृषि की राह अपनाई।
कर्मजीत कौर बताती हैं कि साल 1977 में सरदार जसबीर सिंह दानेयाला से शादी हुई थी। तब सुसराल पक्ष से मिली हुई 45 एकड़ जमीन थी। उस जमीन का कोई खास इस्तेमाल नहीं हो रहा था। उन्होंने कहा, मैंने इस जमीन पर खुद खेती करने के बारे में सोचा। 1979 में सबसे पहले चार एकड़ में किन्नू के बाग लगाए। अधिक उत्पादन हुआ तो उत्साह बढ़ा। अब 23 एकड़ जमीन पर किन्नू के बाग लगाए हैं। सात एकड़ जमीन पर आड़ू, आलू-बुखारा, बबूगोशा, नाशपाती, जामुन, अमरूद, खजूर, गेहूं, मक्की, सरसों व सब्जियों की खेती करती हूं।
बकौल कर्मजीत कौर, अबोहर के बागवानी विभाग और पीएयू के डॉ.एचएस धालीवाल व अन्य कृषि वैज्ञानिकों की राय लेकर काम किया तो वर्ष 2001 में मेरे कीनू के बाग पूरी दुनिया में प्रसिद्ध हो गए। मेरे बागों में किन्नू की उपज प्रति एकड़ 200 क्विंटल तक होता है। इस उपलब्धि के लिए कनाडा व अमेरिका सहित अन्य देशों में अंतरराष्ट्रीय अवार्ड मिले हैं। भारत सरकार व पंजाब सरकार ने भी कर्मजीत कौर को सम्मानित किया है।
कर्मजीत कौर वर्ष 2013 से 2016 तक पंजाब कृषि विश्वविद्यालय के प्रबंधकीय बोर्ड की सदस्य भी रह चुकी हैं। वह केवल खेती ही नहीं करतीं, बल्कि फलों की मार्केटिंग भी खुद करती हैं। अब पंजाब, हरियाणा व राजस्थान से भी व्यापारी फलों की खरीदारी करने उनके बाग तक आते हैं।