खेल मंत्री के जिले में घास पर हॉकी खेलने को मजबूर भावी ओलिम्पियन

Edited By Mohit,Updated: 12 Nov, 2018 03:51 PM

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एक तरफ राज्य सरकार खेलों के प्रति खिलाडिय़ों को उत्साहित करने के टूर्नामैंट करवा रही है तो वहीं पंजाब के खेल मंत्री के जिले में खिलाड़ी घास पर हॉकी खेल ओलिम्पियन बनने का सपना संजोए हुए हैं।

फिरोजपुर (जैन): एक तरफ राज्य सरकार खेलों के प्रति खिलाडिय़ों को उत्साहित करने के टूर्नामैंट करवा रही है तो वहीं पंजाब के खेल मंत्री के जिले में खिलाड़ी घास पर हॉकी खेल ओलिम्पियन बनने का सपना संजोए हुए हैं। हालात इस कद्र बदत्तर बने हुए हैं कि खिलाडिय़ों को अभी तक एस्ट्रोटर्फ भी नसीब नहीं हो पाया है। 10 से 15 किलोमीटर का सफर तक कर हॉकी के साथ जब खिलाड़ी प्रैक्टिस व कोचिंग लेने स्टेडियम पहुंचते हैं तो घास पर खेल कर एक अच्छा प्लेयर बनने की तरफ अग्रसर होते हैं।  

खिलाडिय़ों का यहां से पुराना रिश्ता
ओलिम्पियन अजीत सिंह, ओलिम्पियन गगन अजीत सिंह, ओलिम्पियन गुरबाज सिंह, जूनियर वर्ल्ड कप विजेता परविन्द्र सिंह पिंदी जैसे प्रतिभावान हॉकी प्लेयर का इस स्टेडियम से पुराना रिश्ता रहा है और यहां पर हॉकी के जादूगर मेजर ध्यान चंद भी खेला करते थे।

अधर में लटका एस्ट्रोटर्फ स्टेडियम
करीब साढ़े 14 करोड़ की लागत से बनने वाला हॉकी एस्ट्रोटर्फ स्टेडियम का निर्माण कार्य आज तक पूरा नहीं हो पाया है। अकाली-भाजपा शासन में शुरू हुए इस स्टेडियम को 9 माह में बनवाकर यहां पर बड़े मैच करवाने की योजना तैयार की गई थी, लेकिन सत्ता परिवर्तन के साथ ही जहां इसके निर्माण कार्य को लगाम लग गई तो वहीं कुछ नेताओं ने भ्रष्टाचार के आरोप लगाकर इसके निर्माण की जांच करवाने की बात कही। नेताओं की आपसी सियासत का खामियाजा खिलाडिय़ों को झेलना पड़ रहा है। एक तकनीकी अधिकारी ने बताया कि अब तक 70 फीसदी से ज्यादा कार्य करोड़ों की लागत से पूरा हो चुके हैं, मात्र एस्ट्रोटर्फ बिछाने के अलावा कुछ अन्य कार्य ही शेष बचा है। बता दें कि विभाग द्वारा जो कार्य करवाया गया है, अब उसकी केयर न होने की वजह से वह भी खराब होता जा रहा है। 

जल्द ही खिलाडिय़ों की परेशानियों को दूर  किया जाएगा: रूबल 
हॉकी फिरोजपुर एसोसिएशन के सचिव मनमीत सिंह रूबल ने कहा कि शहीदों का शहर पिछले लंबे समय से हॉकी का गढ़ रहा है। यहां पर एस्ट्रोट्रफ न होने के कारण खिलाडिय़ों की अच्छे ढंग से प्रैक्टिस नहीं हो पाती है, जिसके कारण उन्हें घास पर खेलना पड़ता है। कुछ दिन पहले हमने प्रधान अनिरुद्ध गुप्ता के नेतृत्व में एसो. का गठन किया है और हमारी कोशिश रहेगी कि जल्द ही खिलाडिय़ों को पेश होने वाली परेशानियों को दूर किया जाए और उन्हें बेहतर सुविधाएं दिलवाकर अच्छे खिलाड़ी तैयार कर उन्हें राष्ट्रीय व अंतर्रष्ट्रीय स्तर पर खेलने के लिए भेजा जाए। 

मंत्री से हो चुकी है बात: डी.एस.ओ.
जिला खेल अधिकारी सुनील शर्मा का कहना है कि खेल मंत्री से बात हो चुकी है और जल्द ही स्टेडियम का काम पूरा कर लिया जाएगा और हॉकी खिलाडिय़ों को कोई परेशानी नहीं आने दी जाएगी।  

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