Edited By Punjab Kesari,Updated: 25 Jun, 2018 04:31 PM
कुछ साल पहले पंजाब सरकार की तरफ से लाखों रुपए खर्च करके बी.डी.पी.ओ. दफ्तर ममदोट को जे.सी.बी. मशीन मुहैया करवाई गई थी जिससे इलाके की लिंक सड़कों के बर्मों तथा नहरों की सफाई आदि के अलावा अवैध कब्जे आदि छुड़ाए जा सकें परन्तु सरकारी बाबुओं की अनदेखी के...
ममदोट (संजीव, धवन): कुछ साल पहले पंजाब सरकार की तरफ से लाखों रुपए खर्च करके बी.डी.पी.ओ. दफ्तर ममदोट को जे.सी.बी. मशीन मुहैया करवाई गई थी जिससे इलाके की लिंक सड़कों के बर्मों तथा नहरों की सफाई आदि के अलावा अवैध कब्जे आदि छुड़ाए जा सकें परन्तु सरकारी बाबुओं की अनदेखी के कारण यह मशीन कबाड़ का रूप धारण कर गई। नई मशीन से कुछ महीने काम लेने के बाद दफ्तरी बाबुओं ने खराब हुई मशीन को ठीक करवाने की जरा भी जहमत नहीं की। एक दशक बीत जाने के बाद मशीन में घास-फूस उग आया है और कबूतरों का घौंसला बन कर रह गई है।
खस्ता हालत
पंचायत विभाग द्वारा उपलब्ध की गई जे.सी.बी. मशीन कबूतरों का रैन बसेरा बन चुकी है। थोड़ी-बहुत मुरम्मत की कमी के कारण मशीन की हालत दिन-ब-दिन खराब होती गई और कबाड़ होने लगी। मौके पर जाकर जब ‘पंजाब केसरी टीम’ ने जायजा लिया तो लंबे समय से खड़ी मशीन के कई हिस्सों में घास-फूस उग चुका था और गल चुकी प्रैशर पाइपें खत्म हो चुकी थीं।
क्या कहते हैं बी.डी.पी.ओ.
बी.डी.पी.ओ. राम चंद का कहना है कि डेढ़ दशक पहले पंजाब के सभी जिलों को ये जे.सी.बी. मशीनें मिली थीं जो आर्थिक प्रणाली की कमी के कारण थोड़ा समय काम कर सकी हैं। इस मशीन पर इसकी आमदन की अपेक्षा अधिक खर्चा आ रहा है, जिस कारण इस की मुरम्मत करवाना असंभव है।