Edited By Vatika,Updated: 17 Dec, 2018 03:52 PM
गलत नीतियां, अधूरी जानकारी और कोहरे के आगे बेबसी का शिकार रेलवे की ओर से सैंकड़ों गाडिय़ों को धुंध का हवाला देकर रद्द कर दिया गया है जिसकी मार बंद कमरों में बैठे अधिकारियों पर तो नहीं पड़ रही है, लेकिन जनता जनार्दन रद्द ट्रेनों की शिकार हो रही है।
फिरोजपुर(आनंद): गलत नीतियां, अधूरी जानकारी और कोहरे के आगे बेबसी का शिकार रेलवे की ओर से सैंकड़ों गाडिय़ों को धुंध का हवाला देकर रद्द कर दिया गया है जिसकी मार बंद कमरों में बैठे अधिकारियों पर तो नहीं पड़ रही है, लेकिन जनता जनार्दन रद्द ट्रेनों की शिकार हो रही है।
इस बात का अंदाजा इससे भी लगाया जा सकता है कि धूप में चलने वाली ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है, जबकि कोहरे के समय चलने वाली ट्रेनें पटड़ी पर सरपट दौड़ रही हैं। जानकारों का कहना है कि जालंधर से सुबह 5 बजे चलने वाली गाड़ी संख्या 74931 को कोहरे के कारण बंद कर दिया है। हालांकि यह गाड़ी करीब 8 बजकर 30 मिनट पर फिरोजपुर पहुंच कर फिरोजपुर से ट्रेन संख्या 74973 बन कर फाजिल्का जाती है जो 10 बजे के आसपास फाजिल्का पहुंचती है और वापसी में दोपहर के समय ट्रेन संख्या 74976 बनकर वापसी में दोपहर के समय ही फिरोजपुर पहुंच कर जालंधर के सफर पर हो जाती है। लेकिन अमूमन दोपहर के वक्त अपना सफर तय करने वाली इस गाड़ी को रेलवे की ओर से रद्द कर दिया गया है, जबकि तड़के सुबह 3 बजे से फिरोजपुर से जालंधर जाने वाली गाड़ी संख्या 74932 धुंध के मौसम में भी पटड़ी पर दौड़ रही है।
हालांकि जानकारों का कहना है कि यह गाड़ी बंद नहीं की गई यह एक अच्छा प्रयास है, लेकिन ऐसी गाड़ी जो कई शहरों को जोड़ रही है जिससे रेलवे को अ‘छी खासी आमदन होने के साथ-साथ ट्रेन चालकों और गार्डों के लिए लिंक का काम करती है उसे रद्द नहीं किया जाना चाहिए। जानकार कहते हैं कि रद्द ट्रेनों की वजह से लिंक नहीं होने के कारण ड्राइवरों और गार्र्डों को बड़े पैमाने पर परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, जबकि चर्चा तो यहां तक है कि रेल कोच फैक्टरी के जी.एम. से लेकर कुछ बड़े अधिकारी भी ऐसी गाडिय़ों के बंद नहीं होने के पक्ष में हैं क्योंकि हजारों रेल यात्री प्रतिदिन रेल कोच फैक्टरी तक का सफर तय करते हैं।