नया थाना बनने के बावजूद भी महालम में चिट्टा पकड़ने में नाकाम पुलिस प्रशासन

Edited By Vaneet,Updated: 23 Jun, 2018 07:52 PM

new police station administration failed to catch chitta mahamal

पंजाब सरकार चाहे राज्य में जानलेवा नशा चिट्टे को खत्म करने के लिए अनेकों तरह के उपराले कर रही हो परन्तु दूसरे तरफ चिट्टे पर रोकथाम लगाने ..

जलालाबाद(सेतिया): पंजाब सरकार चाहे राज्य में जानलेवा नशा चिट्टे को खत्म करने के लिए अनेकों तरह के उपराले कर रही हो परन्तु दूसरे तरफ चिट्टे पर रोकथाम लगाने के लिए पुलिस प्रशासन चुस्त दरुसत नजर नहीं आ रहा है। जिसकी मिसाल गत दिवस महालम नजदीक चिट्टे की ओवरडोज के कारण बेसुद्ध हुए व्यक्ति की शोसल मीडिया पर वायरल हुई वीडियो से लगाई जा सकती है और इस के अलावा कुछ महीनों दौरान इस क्षेत्र में 4-5नौजवान चिट्टे के कारण मौत के मूंह में जा चुके हैं। 

जानकारी अनुसार थाना वैरोका 2मई 2018 को होंद में आया इस दौरान पुलिस प्रशासन की ओर से कुल 28 मुकदमे दर्ज किये गए हैं इन में 24 एक्साईज के मुकदमे शामिल हैं परन्तु इन मुकदमों दौरान पुलिस प्रशासन को लाहन और कच्ची शराब के अलावा कुछ नहीं मिला है। जबकि इस बात को पूरा क्षेत्र जानता है कि महालम में चिट्टा कैसे मिलता है। परन्तु पता नहीं क्यों वैरोका थाना बनने के बावजूद यहां की पुलिस की नजर चिट्टे की बिक्री की तरफ क्यों नहीं पड़ रही है।

इस संबंधी क्षेत्र निवासी और नगर कौंसिल के पूर्व सीनियर मीत प्रधान संदीप मलूजा ने कहा कि पंजाब सरकार की ओर से राज्य में चिट्टा समाप्त करने का जनता के साथ वायदा किया गया था। परन्तु सरकार और प्रशासन मिलकर चिट्टे रूपी नशे को खत्म करने में कामयाब नहीं हुआ है नतीजा यह है कि नौजवान नशो की भेंट चड़ रहे हैं। 
इस संबंधी शहर निवासी राकेश जुनेजा ने कहा कि शहर में जहां जुआ चल रहा है और छोटा टिवाना रोड गलत धंधा भी चल रहा है। परन्तु पुलिस प्रशासन जुआ और ऐसे नाजायज धंधों को रोकने में नाकाम साबित हुई है। 

गांव चक्क सुक्कड निवासी सुखविन्दर सिंह का कहना है कि करीब एक हफ्ता पहले पुलिस की ओर से गूमानी वाला रोड पर एक दुकान से नशीली गोलियां बरादम की गई परन्तु पुलिस की ओर से इस मामले में कोई कार्यवाही नहीं की गई और दोषी को छोड़ दिया गया। सुखविन्दर सिंह का कहना है कि यदि पुलिस प्रशासन खुद ही नशों का दलाल बना रहेगा तो किस तरह नशे पर काबू पाया जा सकता है क्योंकि जो हालात नजर आ रहे हैं उस मुताबिक कहीं भी नहीं लग रहा कि पुलिस प्रशासन जानलेवा नशे पर काबू पाने में कामयाब हो पाएगी। उल्लेखनीय है कि क्षेत्र अंदर ऐसे गांव हैं जो चिट्टे और अन्य नशीले पदार्थों के लिए मशहूर हैं परन्तु पुलिस का ध्यान लाहन और कच्ची शराब को पकडऩे की तरफ ही है परन्तु यदि पुलिस की नाक नीचे चिट्टा बिक रहा है तो पुलिस की नजर इस पर क्यों नहीं पड़ रही या फिर पुलिस प्रशासन जानबुझ कर खुद इन मामलों को नजर अंदाज कर रहा है। 

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