Edited By Vatika,Updated: 08 Dec, 2018 10:32 AM
आज इलाके में धुंध पडऩे से ठंड का प्रकोप बढ़ गया है। सुबह से दोपहर तक धुंध रहने के कारण सड़कों पर चलने वाले वाहन चालकों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। इसके साथ ही स्कूलों में जाने वाले नन्हे-मुन्ने बच्चों को भी दिक्कतें आईं। आज इलाके में धुंध...
जलालाबाद (बजाज): आज इलाके में धुंध पडऩे से ठंड का प्रकोप बढ़ गया है। सुबह से दोपहर तक धुंध रहने के कारण सड़कों पर चलने वाले वाहन चालकों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। इसके साथ ही स्कूलों में जाने वाले नन्हे-मुन्ने बच्चों को भी दिक्कतें आईं। आज इलाके में धुंध गेहूं की फसल के लिए वरदान बताई जा रही है। वहीं दूसरी ओर लोग ठंड से बचने के लिए आग का सहारा लेते देखे गए।
गेहूं के झाड़ में भी बढ़ौतरी होगी
इस संबंध में किसान अमरीक सिंह, सुखमिंद्र सिंह, परमजीत सिंह, बिट्टू सिंह, सुखदेव सिंह का कहना है कि जितनी अधिक ठंड पड़ेगी उतनी ही गेहूं के झाड़ में भी बढ़ौतरी होगी। इसलिए गेहूं की फसल के लिए ठंड फायदेमंद है। चाहे सब्जियों जैसे बैंगन, मिर्चें, टमाटरों की फसल को बचाने के लिए किसान तिरपालों आदि से ढंक देते हैं।
मजदूरों पर भी पडऩे लगा ठंड का असर
जैसे-जैसे संघनी धुंध के साथ-साथ ठंड का प्रकोप बढ़ता गया, वैसे ही मजदूरों को प्रतिदिन मिलने वाली मजदूरी से भी वंचित होना पड़ेगा क्योंकि ठंड के चलते अधिकतर कार्य ठप्प होकर रह जाते हैं और ऐसी परस्थितियों में मजदूर वर्ग को अपने घरों का रोजगार चलाना कठिन होकर रह जाएगा। मजदूर मुख्त्यार सिंह, हीरा सिंह, बलवीर सिंह, चिमन सिंह, बूड़ सिंह, दर्शन सिंह आदि का कहना है कि ठंड के बढऩे से उनको मजदूरी मिलना बंद हो जाएगा और प्रतिदिन का अपने घरों का गुजारा जोकि दिहाड़ी करके चला रहे हैं, उनको भी भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा। इसको देखते हुए मजदूरों की मांग है कि मनरेगा स्कीम के तहत मजदूरों को कानून तहत कम से कम 100 दिन का कार्य करने का स्थायी तौर पर प्रबंध किया जाए तांकि इन मजदूरों का रोजगार सही ढंग से चल सके।