Edited By Vatika,Updated: 18 Jan, 2019 11:33 AM
आज हर क्षेत्र में सरकारी विभागों को निजी विभाग बड़ा मुकाबला दे रहे हैं। सरकार के पास बड़ी मशीनरी और सरकारी ताकत होने के बावजूद सरकारी विभाग पिछड़ रहे हैं। जिसकी बड़ी मिसाल सड़कों पर चलती पंजाब रोडवेज और निजी कंपनियों की बसों से मिलती है।
फिरोजपुर (भुल्लर): आज हर क्षेत्र में सरकारी विभागों को निजी विभाग बड़ा मुकाबला दे रहे हैं। सरकार के पास बड़ी मशीनरी और सरकारी ताकत होने के बावजूद सरकारी विभाग पिछड़ रहे हैं। जिसकी बड़ी मिसाल सड़कों पर चलती पंजाब रोडवेज और निजी कंपनियों की बसों से मिलती है।
आज जहां निजी कंपनियां बसों में ए.सी., वी.डी.ओ. समेत अनेक सुविधाएं मुहैया करवा रही हैं, वहीं सरकारी रोडवेज की बसों की बुरी हालत के कारण इनमें बैठ कर कोई राजी नहीं है। सरकारी बसों में साफ-सफाई का कोई खास प्रबंध नहीं है। बताने योग्य है कि फिरोजपुर रोडवेज के पास 134 बसें सरकारी हैं। इसके साथ ही 1&0 टाइम प्राइवेट बसें उठाती हैं। इन दोनों की हालत में जमीन-आसमान का फर्क है। जिस कारण आज फिरोजपुर रोडवेज लगभग रोजाना 50 हजार रुपए घाटा डाल रही है और निजी बस कंपनियां रोजाना तरक्की की और बढ़ रही हैं। इन बसों की हालत बयान करते हुए पाठकों के विचार पेश कर रहे हैं: