1984 दंगा पीड़ित विधवा को 7 महीनों से नहीं मिल रही पैंशन

Edited By Vatika,Updated: 24 Nov, 2018 11:20 AM

सरकार की ओर से सरकारी दफ्तरों में लोगों के कार्यों को समय पर पूरा करने पर इन दफ्तरों में आम लोगों को बेहतर सहूलियतें देने के लिए बड़े-बड़े दावे किए जाते हैं, लेकिन एस.डी.एम. दफ्तर जीरा में अपने कार्य करवाने जाएं, तो इन दावों की फूंक निकल जाती है।

जीर (अकालियांवाला): सरकार की ओर से सरकारी दफ्तरों में लोगों के कार्यों को समय पर पूरा करने पर इन दफ्तरों में आम लोगों को बेहतर सहूलियतें देने के लिए बड़े-बड़े दावे किए जाते हैं, लेकिन एस.डी.एम. दफ्तर जीरा में अपने कार्य करवाने जाएं, तो इन दावों की फूंक निकल जाती है।

जिसमें मुलाजिमों की कमी के कारण आम लोगों को अपने काम करवाने के लिए भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। जिसकी मिसाल 1984 के सिख कत्लेआम में कत्ल हुए सुरजीत सिंह की बुजुर्ग विधवा गुरदेव कौर गांव नीलेवाला को पिछले 7 महीनों से पैंशन न मिलने का मामला सामने आया है। इस संबंधी पत्रकारों को जानकारी देते हुए माता गुरदेव कौर ने कहा कि पिछले 7 महीनों से उसे विधवा पैंशन नहीं मिल रही।

वह शारीरिक परेशानी के चलते चल-फिर नहीं सकती, लेकिन वह हर महीने एस.डी.एम. दफ्तर जीरा के चक्कर काट-काटकर थक चुकी है, लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही। उसका परिवार आॢथक पक्ष से बहुत कमजोर है। उन्होंने पंजाब सरकार से मांग की कि उसे उसकी बनती पैंशन तुरंत दी जाए, ताकि वह अपना घर चला सके। इस संबंधी पत्रकारों ने एस.डी.एम. के सुपरिंटैंडैंट से बात की, तो उन्होंने कहा कि दफ्तर में आधी से ’यादा असामियां खाली पड़ी हैं। इस केस से संबंधित क्लर्क की पोस्ट भी खाली पड़ी है, जिससे दफ्तर के कार्यों में रुकावट आ रही है। 

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