Edited By Punjab Kesari,Updated: 27 Jan, 2018 08:29 PM
क्षेत्र के वाल्मीकि समाज का एक शिष्टमंडल वाल्मीकि सभा के अध्यक्ष अशोक उज्जीनवाल की अध्यक्षता में थाना सिटी...
श्री मुक्तसर साहिब (तनेजा): क्षेत्र के वाल्मीकि समाज का एक शिष्टमंडल वाल्मीकि सभा के अध्यक्ष अशोक उज्जीनवाल की अध्यक्षता में थाना सिटी प्रभारी तेजिंदरपाल सिंह को मिला।
शिष्टमंडल ने सिख विरसा कौंसल के नेता जसवीर सिंह खालसा के खिलाफ लिखित शिकायत देते हुए मांग की कि उक्त व्यक्ति ने फेसबुक पर लाइव चलाकर वाल्मीकि समाज की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है जिसके लिए उस पर मामला दर्ज किया जाना चाहिए। अध्यक्ष अशोक उज्जीनवाल ने बताया कि जसवीर खालसा द्वारा कथित रूप में उनके पवित्र तीर्थ स्थल श्री राम तीर्थ अमृतसर साहिब संबंधी अपशब्दों का प्रयोग किया है। इसके अतिरिक्त मेला माघी पर आए कुछ साधूओं को ज्ञान नाथ आश्रम (राम तीर्थ) अमृतसर के शिष्य बताते हुए कहा कि यह साधू अपने साथ शराब लिए घूमते हैं, जबकि इन साधुओं का गुरु ज्ञान आश्रम से कोई संबंध नहीं है। इसके अलावा इस आश्रम का कोई भी व्यक्ति कहीं कुछ मांगने नहीं जाता, क्योंकि उक्त आश्रम में सभी पढ़े लिखे व सूझवान व्यक्ति बैठे हैं।
उन्होंने कहा कि जसवीर खालसा द्वारा कथित रूप से इस आश्रम के प्रति अपशब्द बोलने से समूह वाल्मीकि समाज को भारी ठेस पहुंची है। इसलिए उन्होंने खालसा के खिलाफ मामला करने की मांग करते हुए चेतावनी दी कि यदि शनिवार शाम तक उसके खिलाफ पुलिस द्वारा मामला दर्ज न किया गया तो वह सोमवार को बड़े स्तर पर संघर्ष करने को विवश होंगे। जब इस संबंध में थाना प्रभारी तेेजिंदरपाल सिंह से बात की गई तो उन्होंने कहा कि उनके पास जसवीर सिंह खालसा के खिलाफ वाल्मीकि समाज की ओर से शिकायत आई है तथा वह इस संबंधी जांच कर जरूरी कार्रवाई करेंगे।
इस मौके पर वाल्मीकि समाज के चेयरमैन मुकेश व अमी लाल चौधरी, सफाई सेवक यूनियन के पूर्व अध्यक्ष पप्पू राम, जिला मुक्तसर सफाई सेवक यूनियन के अध्यक्ष विजय कुमार व सफाई यूनियन के सचिव मंगत राम संगेलिया सहित वाल्मीकि समाज के बहुत से नुमाइंदे उपस्थित थे। उधर जब इस मामले को लेकर जसवीर सिंह खालसा से बात की गई तो उनका कहना था कि उन्होंने किसी के खिलाफ कोई अपशब्द नहीं बोले हैं। जो लोग रामतीर्थ का नाम लेकर मांग रहे थे उनके पास शराब की बोतल भी थी। इसलिए ही उन्होंने लोगों को उनकी असलियत बताने के लिए यह सब कुछ किया था। उनका मनोरथ किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं था।