Edited By Punjab Kesari,Updated: 13 Mar, 2018 12:01 PM
शिक्षा मुलाजिम सांझा मोर्चा फरीदकोट की तरफ से शहीद भगत सिंह पार्क में पंजाब सरकार की मुलाजिम विरोधी नीतियों के खिलाफ रोष प्रदर्शन कर पंजाब सरकार का पुतला फूं का गया। इस प्रदर्शन में शामिल हुए कम्प्यूटर अध्यापक, एस.एस.ए/रमसा, एस.एस.ए. रमसा अधीन काम...
फरीदकोट(हाली): शिक्षा मुलाजिम सांझा मोर्चा फरीदकोट की तरफ से शहीद भगत सिंह पार्क में पंजाब सरकार की मुलाजिम विरोधी नीतियों के खिलाफ रोष प्रदर्शन कर पंजाब सरकार का पुतला फूंका गया। इस प्रदर्शन में शामिल हुए कम्प्यूटर अध्यापक, एस.एस.ए/रमसा, एस.एस.ए. रमसा अधीन काम करते दफ्तरी कर्मचारी और लैक्चरर यूनियन, डैमोके्रटिक अध्यापक फ्रंट के नेताओं ने संबोधित किया। इस अवसर पर प्रेम चावला, गगन पाहवा, जगसीर सिंह बराड़, कुलदीप सिंह चाहल और भूपिन्द्र सिंह दुग्गल ने कहा कि कम्प्यूटर अध्यापक जो 2005 में ठेके पर भर्ती हुए थे, ने पहले 6 साल ठेके पर काम किया और जुलाई 2011 में अकाली-भाजपा सरकार ने पिकटस में वोकेशनल मास्टर ग्रेड देकर उन्हें रैगुलर किया था।
अब 7 साल की रैगुलर सेवा करने उपरांत कम्प्यूटर अध्यापकों से कहा जा रहा है कि आप 3 साल के लिए 10,300 रुपए मासिक वेतन पर काम करो, जो कि सरासर धक्केशाही है। इस तरह ही एस.एस.ए. अधीन ठेके पर 10 साल से काम कर रहे अध्यापक जो 42,000 वेतन ले रहे हैं उनको शिक्षा विभाग के नाम पर जबरन 3 साल के लिए 10,300 लेने के लिए कहा जा रहा है। सरकार यही नियम एस.एस.ए अधीन काम करते दफ्तरी कर्मचारियों पर थोपने जा रही है।
नेताओं ने कहा कि सरकार के इस मुलाजिम विरोधी फैसले के साथ अध्यापक आत्महत्याएं करने के लिए मजबूर होंगे। लैक्चरर यूनियन नेता मुखत्यार मत्ता, डैमोक्रेटिक टीचर फ्रंट के नेता सुखविन्द्र सुक्खी, ई.टी.टी. यूनियन अमृतपाल सिंह सेखों और गुरप्रीत रुपरा ने मांग की कि सरकार पूरा वेतन और भत्तों के साथ अध्यापकों को शिक्षा विभाग में शामिल करे और यूनियन की तरफ से 6 मार्च को मोहाली में किए गए रोष मार्च दौरान अध्यापक नेताओं पर दर्ज किए गए पर्चे रद्द करे।