Edited By Anjna,Updated: 12 Jun, 2018 01:51 PM
पहले ही आर्थिक मंदहाली के दौर से गुजर रहे और समय की सरकारों व प्राकृतिक आपदाओं का शिकार हो रहे किसान वर्ग पर हमेशा ही कोई न कोई समस्या और मुश्किल खड़ी ही रहती है परन्तु इसके बावजूद भी किसानों की मुश्किलों को हल करने वाला शायद कोई भी नहीं है और...
श्री मुक्तसर साहिब (तनेजा): पहले ही आर्थिक मंदहाली के दौर से गुजर रहे और समय की सरकारों व प्राकृतिक आपदाओं का शिकार हो रहे किसान वर्ग पर हमेशा ही कोई न कोई समस्या और मुश्किल खड़ी ही रहती है परन्तु इसके बावजूद भी किसानों की मुश्किलों को हल करने वाला शायद कोई भी नहीं है और किसानों के दर्द को समय की सरकारों ने कभी नहीं समझा। इस समय किसानों के लिए जो बड़ी समस्या सामने आई है, वह है खेतों में पानी की कमी की। धान लगाने के लिए किसानों ने अपने खेतों में जो पनीरी बीजी हुई है, उसे पानी की बेहद जरूरत है परन्तु नहर विभाग ने इस क्षेत्र में से गुजर रहे रजबाहों में नहरी पानी की बंदी कर दी है और रजबाहे सूखे पड़े हैं।
जिस कारण किसानों में पानी की कमी को लेकर हाहाकार मची हुई है क्योंकि धान लगाने के लिए किसान पूरी तैयारी किए बैठे हैं। यदि पनीरी ही न बची तो फिर धान की फसल लगेगी कैसे। किसानों ने आज पंजाब केसरी को बताया कि एक तरफ तो नहर विभाग ने पानी की बंदी कर दी है और दूसरे तरफ पावरकॉम विभाग ने किसानों के खेतों में लगे ट्यूबवैलों वाली बिजली पर बड़ा कट लगा दिया है और बिजली दी नहीं जा रही। जिस कारण किसान ट्यूबवैल चला कर भी पानी नहीं लगा सकते। मजबूरीवश कुछ किसान डीजल इंजनों में 70 रुपए प्रति लीटर तेल डाल कर या ट्रैक्टरों पर जैनेरेटर चला कर ट्यूबवैल चला रहे हैं और अपने खेतों को पानी लगा रहे हैं। किसानों का कहना है कि पानी के बिना पशुओं के लिए बीजे हरे चारे और सब्जियों आदि को भी नुक्सान हो रहा है।
किसान पुन: खोदने लगे बोर
कई स्थानों पर धरती निचला पानी खराब हो रहा है। जिस कारण किसानों को अपने खेतों में लगाए गए बोर अब खोदने पड़ रहे हैं, क्योंकि ऐसे बोरों का पानी धरती को बंजर बनाता है और जमीनों में शोरा और तेजाब के तत्व पैदा होने के कारण फसलें कम होती हैं।
किसान संगठनों ने शुरू किया आंदोलन
दूसरी तरफ नहरों में पानी छुड़वाने के लिए और ट्यूबवैलों की मोटरों वाली बिजली की सप्लाई को बहाल करवाने के लिए किसान हितों के लिए संघर्ष कर रही भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहा ने आज से राज्य भर में पावरकाम विभाग के एक्सियन स्तर के दफ्तरों आगे दिन रात का रोष प्रदर्शन शुरू कर दिया है और यह आंदोलन तब तक जारी रहेगा, जब तक किसानों को पूरा नहरी पानी और पूरी बिजली सप्लाई नहीं मिलती।