खरीद न होने से मंडियों में लगे धान की बोरियों के अंबार, किसान परेशान

Edited By bharti,Updated: 19 Oct, 2018 11:15 AM

poor sacks of paddy in the markets due to non purchase distressed farmers

फरीदकोट की मुख्य अनाज मंडी समेत जिले भर की सभी मंडियों में धान के आने की रफ्तार तेज हो रही है परन्तु सरकारी...

फरीदकोट(हाली): फरीदकोट की मुख्य अनाज मंडी समेत जिले भर की सभी मंडियों में धान के आने की रफ्तार तेज हो रही है परन्तु सरकारी खरीद की रफ्तार काफी धीमी चल रही है। धीमी रफ्तार का सबसे बड़ा कारण नमी की मात्रा है। सरकार ने धान की फसल खरीदने के लिए नमी की मात्रा 17 प्रतिशत रखी है परन्तु मौसम की वजह से यह मात्रा 20 से 21 प्रतिशत आ रही है। कभी आढ़ती वर्ग के रोष और कभी मजदूरों की हड़ताल के कारण मंडी में चारों तरफ धान की बोरियों के ढेर लगे हुए हैं, जिस कारण किसानों को काफी परेशानी हो रही है। किसानों का कहना है कि उनको फसल लेकर आए 8-8 दिन हो चुके हैं परन्तु उनकी फसलों के भाव नहीं लगाए जा रहे।

किसान गुरमीत सिंह, इकबाल सिंह और जोगिन्द्र सिंह ने कहा कि वे 5 दिन पहले फसल लेकर पहुंचे थे परन्तु इन 5 दिनों के दौरान किसी भी एजैंसी का अधिकारी उनकी फसल को देखने तक नहीं आया। पिछले कई दिनों से बैठे किसान गुरदेव सिंह और रेशम सिंह ने कहा कि किसान मंडियों में परेशान हो रहे हैं। किसी को मंडी में धान की फसल लेकर आए को 2 दिन हो गए, किसी को 4 दिन, कोई सुनवाई नहीं हो रही। आढ़ती राहुल जैन ने कहा कि मंडियों में धान की फसल में नमी आ रही है, जिस कारण सबको परेशानी है। सरकार 17 प्रतिशत से ज्यादा नमी वाली फसल को नहीं खरीद रही और मंडी में आ रही फसल में नमी की मात्रा 20-20 प्रतिशत है। मौसम की वजह कारण पेश आए हालातों के साथ निपटने करने के लिए सरकार को नमी की मात्रा में छूट देनी चाहिए।

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