Edited By Anjna,Updated: 22 May, 2018 10:36 AM
पूर्व अकाली-भाजपा सरकार द्वारा वर्ष 2011 दौरान गरीब व जरूरतमंदों की सहायता के लिए राज्य भर के 22 जिलों में 108 एम्बुलैंसें मुहैया करवाई गई थी और इन एम्बुलैसों को अलग-अलग क्षेत्रों में चल रहे सरकारी अस्पतालों के साथ जोड़ा गया था। सड़क दुर्घटनाओं में...
श्री मुक्तसर साहिब (तनेजा): पूर्व अकाली-भाजपा सरकार द्वारा वर्ष 2011 दौरान गरीब व जरूरतमंदों की सहायता के लिए राज्य भर के 22 जिलों में 108 एम्बुलैंसें मुहैया करवाई गई थी और इन एम्बुलैसों को अलग-अलग क्षेत्रों में चल रहे सरकारी अस्पतालों के साथ जोड़ा गया था। सड़क दुर्घटनाओं में घायल हुए व्यक्तियों को भी इन एम्बुलैसों के माध्यम से अस्पतालों में पहुंचाया जा रहा है तथा इनकी सॢवस 24 घंटे है परन्तु इन एम्बुलैसों में से कई एम्बुलैसों की हालत खस्ता हो चुकी है, जिस कारण इनकी सॢवस में रुकावट पैदा हो रही है।
समय पर नहीं हो रहा मुरम्मत कार्य
एसो. पंजाब जिला श्री मुक्तसर साहिब के उपाध्यक्ष सुरिन्द्रजीत सिंह ने बताया कि इन एम्बुलैसों का समय पर मुरम्मत कार्य नहीं हो रहा। कइयों के तो ए.सी. बंद हैं व किसी के पंखे नहीं चलते। यही बस नहीं कर्मचारी भी कच्चे ही रखे हुए हैं और मात्र 8 हजार रुपए वेतन दिया जा रहा है इस मामले को लेकर 11 मई को सारे पंजाब में 2 घंटे एम्बुलैंसों का चक्का जाम किया गया था, उसके बाद ही वेतन मिला था।
100 में से चलते हैं मात्र 10 उपकरण
पता चला है कि एम्बुलैसों में लगे उपकरणों में से कुछ उपकरण ही चालू हैं जबकि अधिकतर बंद ही पड़े हैं। एक एम्बुलैस के चालक का कहना था कि 100 में से 90 उपकरण खराब पड़े हैं और सिर्फ 10 ही चलते हैं।
8 वर्ष पुरानी हैं एम्बुलैंसें
चल रही ये एम्बुलैंसें 8 वर्ष पुरानी हैं जबकि कई एबुलैंस तो पूरी तरह खराब हो चुकी हैं। किसी के टायर घिसे पड़े हैं तो कइयों के इनवर्टर बंद पड़े हैं। इन एम्बुलैंसों को पंजाब सरकार के स्थान पर एक प्राइवेट कंपनी चला रही है जबकि चाहिए यह था कि 24 घंटे सेवाएं देने वाली इन एम्बुलैंसों को सरकार स्वयं चलाए।