जसपाल आत्महत्या मामले में गिरफ्तार पुलिस मुलाजिमों की पेशी आज

Edited By swetha,Updated: 27 May, 2019 08:30 AM

jaspal murder case

सी.आई. स्टाफ की बैरक की दीवार पर जसपाल सिंह द्वारा अपनी मौत के जिम्मेदार का नाम लिखने के उपरांत फंदा लगाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर लेने के मामले में जिला पुलिस की तरफ से परविन्दर कौर निवासी कपूरथला को गिरफ्तार करके 2 दिन का पुलिस रिमांड लेकर पूछताछ...

फरीदकोट(राजन): सी.आई. स्टाफ की बैरक की दीवार पर जसपाल सिंह द्वारा अपनी मौत के जिम्मेदार का नाम लिखने के उपरांत फंदा लगाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर लेने के मामले में जिला पुलिस की तरफ से परविन्दर कौर निवासी कपूरथला को गिरफ्तार करके 2 दिन का पुलिस रिमांड लेकर पूछताछ जारी है। पुलिस सूत्रों के अनुसार पुलिस रिमांड खत्म होने की सूरत में इसको 27 मई को फिर अदालत में पेश किया जाएगा।

पहले पुलिस द्वारा जसपाल सिंह को अगवा करने के मामले में मुकद्दमा दर्ज किया गया था, जिसको अब आत्महत्या के लिए मजबूर करने वाली धारा में तबदील कर दिया गया है। यहां यह भी बताने योग्य है कि 2 पुलिस मुलाजिमों दर्शन सिंह व सुखमन्दर सिंह, जिन्होंने जसपाल सिंह का शव खुर्द-बुर्द करने के लिए मृतक सी.आई.ए. स्टाफ प्रमुख नरिन्दर सिंह का साथ दिया, को भी उक्त कथित आरोप सहित ड्यूटी मैजिस्ट्रेट की अदालत में पेश किया गया था तथा ये दोनों भी 2 दिन के पुलिस रिमांड पर चल रहे हैं। 

जत्थेबंदियों के सहयोग से परिजनों का धरना जारी
मृतक के परिजनों का कहना है कि जसपाल सिंह का शव जल्द से जल्द उनके हवाले किया जाए। वहीं इंसाफ की मांग कर रही एक्शन कमेटी व अन्य जत्थेबदियों का दबाव दिन-प्रतिदिन पुलिस प्रशासन के लिए चुनौती बनता जा रहा है, जबकि पुलिस प्रशासन की कई दिनों की जद्दोजहद के उपरांत भी शव की बरामदगी नहीं हो सकी है। इसका दूसरा पहलू यह है कि जसपाल सिंह के परिजनों द्वारा इंसाफ की मांग को लेकर जिला पुलिस प्रमुख के दफ्तर आगे धरना लगातार जारी है तथा एक्शन कमेटी की तरफ से मांग की जा रही है कि इस मामले में किसी सिटिंग जज से जांच करवाई जाए और फैसला भी जल्द किया जाए। यह भी मांग की गई कि आत्महत्या करने वाले सी.आई.ए. स्टाफ प्रमुख नरिन्दर सिंह की फोन कॉल भी सार्वजनिक की जाए, जिससे यह पता लग सगे कि उसने जसपाल सिंह को अपनी हिरासत में लेने से लेकर आत्महत्या करने तक किस-किस के साथ बात की।

पुलिस प्रशासन की तरफ से शव की खोज जारी
जहां तक पुलिस प्रशासन का सवाल है सी.आई.ए. स्टाफ प्रमुख नरिन्दर सिंह ने अपने 2 साथी पुलिस कर्मचारी की सहायता से जसपाल सिंह का शव नहर में फैंके जाने के अंदेशे को लेकर बड़े स्तर पर नहरों में से शव ढूंढने के लिए सर्च अभियान चलाया हुआ है ताकिअमन-कानून की स्थिति को बरकरार रखा जा सके, परंतु जहां तक इस मामले में बढ़ रहे जत्थेबंदियों के दबाव की बात है पुलिस प्रशासन को लगातार चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। पुलिस प्रशासन ने यह दावा किया है कि जसपाल सिंह का शव ढूंढने के लिए अब तक मचाकी कलां से मसीता तक नहरों में खोज की गई है तथा अब इससे आगे सर्च पार्टियों की कार्रवाई जारी है।

कोई राजनीतिक नेता पीड़ित परिवार के आंसू पोंछने नहीं आया
गत कई दिनों से धरने पर बैठे मृतक जसपाल सिंह के परिजनों के आंसू पोंछने के लिए कोई सत्ताधारी नेता इस परिवार के साथ हमदर्दी जाहिर करने के लिए नहीं आया, जिसको लेकर इलाके के लोगों में हैरानी का माहौल बना हुआ है। शहर के गण्यमान्य लोगों ने सरकार से अपील की कि इससे पहले कि पीड़ित परिवार की हिमायत के रूप में चल रहा संघर्ष पंजाब स्तर पर गंभीर स्थिति धारण कर ले, वह परिवार के साथ हमदर्दी प्रकट करके उन्हें इंसाफ दिलाए, ताकि माहौल को सुखदाई बनाया जा सके।

फरीदकोट जसपाल कांड पर गैर-जिम्मेदाराना रवैये के लिए कैप्टन दें इस्तीफा : ‘आप

वहीं नेता विपक्ष हरपाल सिंह चीमा ने फरीदकोट पुलिस की हिरासत में 19 वर्षीय नौजवान जसपाल सिंह की मौत और शव को खुर्द-बुर्द करने के मामले की सी.बी.आई. जांच की मांग की है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री कै. अमरेंद्र सिंह को आड़े हाथों लेते हुए गृह विभाग के काम से इस्तीफा देने की मांग की है। उन्होंने कहा कि ‘आप’ विधायक अमन अरोड़ा सोमवार को फरीदकोट जाएंगे।  चीमा ने कहा कि इतनी बड़ी घटना के प्रति मुख्यमंत्री की तरफ से दिखाया जा रहा गैर-जिम्मेदाराना रवैया न केवल ङ्क्षनदनीय है बल्कि शर्मनाक भी है।  

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चीमा ने कहा कि राज्य में कानून-व्यवस्था दिन-प्रतिदिन बद से बदतर होती जा रही है। पुलिस तंत्र का एक बड़ा हिस्सा बेकाबू है, लोग इंसाफ के लिए दर-दर भटक रहे हैं परंतु ‘महाराजा’ अपनी ऐशपरस्ती में मस्त हैं इसलिए कै. अमरेंद्र को गृह मंत्री के तौर पर तुरंत इस्तीफा देकर यह अहम जिम्मेदारी किसी अन्य योग्य मंत्री को सौंप देनी चाहिए, जो बेकाबू पुलिस तंत्र को अनुशासन में रख सके और जवाबदेह बना सके।  चीमा ने कहा कि पंजाब पुलिस का पिछले लंबे समय से कांग्रेस और बादलों ने सियासीकरण कर दिया है। निजी और राजनीतिक स्वार्थों के लिए पुलिस प्रशासन पर जबरदस्त राजनीतिक दबाव बनाया जा रहा है और राजनीतिक नेताओं के लिए कानून को हाथ में लेने में ‘माहिर’ हुआ पुलिस का एक बड़ा हिस्सा खुद ही गैंग के तौर पर काम करने लग गया है, फरीदकोट की यह वारदात इसी का नतीजा है। चीमा ने पीड़ित परिवार के योग्य मैंबर को सरकारी नौकरी की मांग करते हुए सत्ताधारी कांग्रेस पर सवाल खड़े किए कि फरीदकोट में हुई इस बेइंसाफी के विरुद्ध चल रहे रोष धरने में सरकार का नुमाइंदा तो दूर, बल्कि स्थानीय कांग्रेसी लीडरशिप भी नहीं जा रही, उलटा लोगों को रोकने की कोशिश कर रही है। 

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