Edited By Anjna,Updated: 11 Feb, 2019 01:43 PM
आज लाखों युवा लड़के-लड़कियां पढ़-लिखकर भी बेरोजगार हैं। पढ़ाई पर उनके माता-पिता ने लाखों खर्च किया है। मजबूरीवश अनेक लड़के-लड़कियां बहुत कम पैसों में प्राइवेट संस्थाओं में नौकरियां कर रहे हैं जबकि महंगाई के दौर में थोड़े पैसों में गुजारा करना बहुत...
श्री मुक्तसर साहिब (तनेजा): आज लाखों युवा लड़के-लड़कियां पढ़-लिखकर भी बेरोजगार हैं। पढ़ाई पर उनके माता-पिता ने लाखों खर्च किया है। मजबूरीवश अनेक लड़के-लड़कियां बहुत कम पैसों में प्राइवेट संस्थाओं में नौकरियां कर रहे हैं जबकि महंगाई के दौर में थोड़े पैसों में गुजारा करना बहुत मुश्किल हो गया है। पढ़ा-लिखा युवा वर्ग सरकारों की नीतियों से परेशान है क्योंकि सरकार इस वर्ग की उम्मीदों पर खरा नहीं उतर रही व उनकी समस्याओं की ओर ध्यान नहीं दे रही। अगर पढ़े-लिखों को हर साल सरकार रोजगार देती तो फिर बेरोजगारी की समस्या इतनी गंभीर न बनती परंतु सरकारों ने ऐसा नहीं किया। मौजूदा कैप्टन अमरेंद्र सिंह की अध्यक्षता वाली कांग्रेस की सरकार ने चुनावों से पहले लोगों को घर-घर नौकरियां व रोजगार देने का वायदा किया था परंतु यह वायदा सिरे नहीं चढ़ाया गया। सरकार ने अभी तक बेरोजगारों को नौकरियां नहीं दीं।
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस ने युवकों को नौकरियां देने के लिए घरों में जाकर लाखों फार्म भरवाए थे। जो रद्दी वाली टोकरियां में फैंक दिए गए जिस कारण युवा वर्ग निराश है। इस अति गंभीर मामले को लेकर ‘पंजाब केसरी’ द्वारा इस सप्ताह की विशेष रिपोर्ट तैयार की गई है।
पंजाब छोड़ विदेश भाग रहे लड़के-लड़कियां
अगर पंजाब में पढ़े-लिखे युवा लड़के-लड़कियों को रोजगार या नौकरियां मिलती तो फिर लड़के-लड़कियां पंजाब को छोड़कर विदेश न भागते। नौजवावन वर्ग को पंजाब में अपना भविष्य दिखाई नहीं दे रहा जिस कारण वे लाखों रुपए खर्चा कर विदेश भाग रहे हैं। ज्यादा वहां पढऩे के बहाने जाते हैं परंतु फिर वापस नहीं आते। अगर देखा जाए तो बड़ी संख्या में युवा पीढ़ी विदेश पहुंच चुकी है व बाकी भी जाने की तैयारी में हैं।