सरकार नहीं समझ रही अन्नदाता  कहलाने वाले किसानों का दर्द

Edited By swetha,Updated: 13 Dec, 2018 12:11 PM

farmers in punjab

खेती को उत्साहित करने के लिए समय की सरकारें बातें तो बहुत करती हैं, परंतु उनके अंदरूनी दर्द और पीड़ा को कोई नहीं समझता जिस कारण देश का अन्नदाता किसी न किसी मुसीबत में हमेशा ही घिरा रहता है। अभी तक सरकारें खेती संबंधी कोई ठोस नीति ही नहीं बना सकीं।

श्री मुक्तसर साहिब(तनेजा): खेती को उत्साहित करने के लिए समय की सरकारें बातें तो बहुत करती हैं, परंतु उनके अंदरूनी दर्द और पीड़ा को कोई नहीं समझता जिस कारण देश का अन्नदाता किसी न किसी मुसीबत में हमेशा ही घिरा रहता है। अभी तक सरकारें खेती संबंधी कोई ठोस नीति ही नहीं बना सकीं। 

किसानों को खेती करने के लिए नहरी पानी की जरूरत होती है परंतु अनेकों ऐसे गांव हैं, जहां के किसानों को उनकी फसलें पालने के लिए नहरी पानी पूरा नहीं मिल रहा जिस कारण उनकी फसलें सूखने के कगार पर हैं। इसके चलते फसलें अच्छी तरह नहीं पकतीं और झाड़ भी कम रह जाता है। खासकर टेलों पर पड़ते गांवों के किसानों का हाल तो और भी बुरा है। 

पिछले लंबे समय से ऐसे किसान सरकारों के आगे फरियादें और अपीलें कर रहे हैं कि खेती के लिए नहरी पानी बढ़ाया जाए परंतु सरकार और संबंधित विभाग के साथ-साथ राजनैतिक नेता भी इस तरफ कोई ध्यान नहीं दे रहे। इसी तरह खेती के लिए नहरी पानी की कमी से गांव रामगढ़ चूंघा के किसान जूझ रहे हैं। यहां के किसानों ने नहरी पानी के लिए संघर्ष भी बहुत किया है। नहरी विभाग के खिलाफ रोष प्रदर्शन किया और डिप्टी कमिश्नर दफ्तर समक्ष धरना-प्रदर्शन किए, हल्का विधायक से लेकर मुख्यमंत्री पंजाब तक पिछले 2 दशकों से फरियाद की परंतु इन किसानों की आवाज को किसी ने नहीं सुना। 

क्या कहना है गांव के किसानों का 

गांव के किसानों जगसीर सिंह बराड़, गुरदीप सिंह, कोर सिंह, गुरसेवक सिंह, जसवंत सिंह, बोहड़ सिंह और गुरदेव सिंह ने कहा कि धरती के नाचे का पानी भी बेहद खराब है, जो जमीनों में कल्लर और शोरा पैदा करता है। इस कारण किसान अपने खेतों में ट्यूबवैल भी नहीं लगा सकते। उन्होंने मांग की कि नहरी पानी बढ़ाया जाए, न्यू चौंतरा माइनर वाला मोघा चलाया जाए। श्री मुक्तसर साहिब रजबाहे में लगे मोघों का लैबल सही किया जाए। रामगढ़ चूंघा और भागसर की जमीनों को नहरी पानी देने के लिए इस तरफ नई कसी निकाली जाए। किसानों का यह भी आरोप है कि जब फसलों की बिजाई होती है या फसलों को पानी की जरूरत होती है तो उस समय नहरी विभाग की ओर से रजबाहे में पानी की बंदी कर दी जाती है।

डिप्टी स्पीकर का है हलका

उल्लेखनीय है कि गांव रामगढ़ चूंघा विधानसभा हलका मलोट में पड़ता है, जहां के कांग्रेसी विधायक अजायब सिंह भट्टी पंजाब विधानसभा के डिप्टी स्पीकर हैं। यहां के किसानों ने अजायब सिंह भट्टी को मिल कर अपील की थी कि उनकी मदद की जाए, परंतु उन्होंने अभी तक कुछ नहीं किया। 

2300 एकड़ क्षेत्रफल है रामगढ़ चूंघा का

रामगढ़ चूंघा में जमीन का क्षेत्रफल 2300 एकड़ है। इसमें से 200 एकड़ जमीन सेम की मार झेल रही है जबकि डेढ़-दो सौ एकड़ जमीन ऐसी है, जहां तक नहरी पानी नहीं पहुंचता। श्री मुक्तसर साहिब रजबाहे से यहां की जमीनों को नहरी पानी मिलता है। न्यू चौंतरा माइनर से भी मोघा लगाया गया था परंतु उसकी सप्लाई अभी तक चालू ही नहीं की गई। नहरी पानी की कमी के कारण कई किसान फसलों की बिजाई में लेट हो जाते हैं। कइयों की फसलें पानी की कमी के कारण अच्छी तरह नहीं पकतीं। किसान आर्थिक मंदहाली से गुजर रहे हैं। 

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