नरमे की फसल बर्बाद कर रहे बेसहारा पशु, किसान चिंतित

Edited By Vatika,Updated: 24 Jun, 2019 01:48 PM

farmer worried

भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहां ग्रुप ने पंजाब सरकार से मांग की कि किसानों के खेतों में प्रतिदिन फसलों की बर्बादी कर रहे बेसहारा पशुओं की समस्या का कोई उपयुक्त हल किया जाए और किसानों को इन बेसहारा फिरते पशुओं से छुटकारा दिलाया जाए क्योंकि इनके कारण...

श्री मुक्तसर साहिब (तनेजा): भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहां ग्रुप ने पंजाब सरकार से मांग की कि किसानों के खेतों में प्रतिदिन फसलों की बर्बादी कर रहे बेसहारा पशुओं की समस्या का कोई उपयुक्त हल किया जाए और किसानों को इन बेसहारा फिरते पशुओं से छुटकारा दिलाया जाए क्योंकि इनके कारण किसानों की फसलों का बड़ा नुक्सान हो रहा है।

यूनियन के प्रांतीय समिति मैंबर गुरांदित्ता सिंह भागसर, जिला मुक्तसर साहिब के प्रधान पूरन सिंह दोदा, गुरभगत सिंह भलाईआना, कामरेड जगदेव सिंह, सुखदेव सिंह रहूडिय़ांवाली, पाश सिंह लम्बी ढाब व राजा सिंह महाबद्धर आदि नेताओं ने कहा है कि किसान जत्थेबंदियों ने इन बेसहारा पशुओं की समस्या को लेकर ब्लाक, जिला तथा पंजाब स्तर पर धरने और रोष प्रदर्शन करके पंजाब सरकार के नाम मांग पत्र भेजे हैं। राजनीतिक नेताओं को इस संबंधी लिखित रूप में भी अवगत करवाया गया है परन्तु इसके बावजूद आज तक सरकार व प्रशासन ने बेसहारा पशुओं की समस्या का कोई हल नहीं किया, जबकि किसान वर्ग को इन बेसहारा पशुओं ने तंग-परेशान किया हुआ है। उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले लम्बे समय से रा’य सरकारों ने बेसहारा पशुओं की समस्या की तरफ बिल्कुल ही ध्यान नहीं दिया, जिस कारण इस समय समूचा किसान वर्ग बेहद निराशा के आलम में है।

इन बेसहारा पशुओं के मुद्दे को लेकर किसानों में कई स्थानों पर लड़ाई-झगड़े भी हुए हैं क्योंकि किसान दूसरे गांवों में बेसहारा पशुओं को धकेल आते हैं। अब तो टैम्पुओं व ट्रकों वालों को भी पैसे देकर लोग बेसहारा पशु इन पर चढ़ा देते हैं और वे इन पशुओं को खेतों में जाकर उतार देते हैं। बेसहारा पशु किसानों की पुत्रों जैसे पाली फसलों की बर्बादी कर रहे हैं। इस समय किसानों द्वारा खेतों में बीजी नरमे की फसल का बेसहारा पशु नुक्सान करने में लगे हैं। इसके अलावा हरे चारे व सब्जियों आदि को भी बेसहारा पशु खराब कर देते हैं। इस अति गंभीर मसले को लेकर ‘पंजाब केसरी’ की ओर से इस हफ्ते की यह विशेष रिपोर्ट तैयार की गई है। 

दिन-प्रतिदिन बढ़ रही बेसहारा पशुओं की संख्या
इस समय बेसहारा पशुओं की संख्या घटने की जगह दिन-प्रतिदिन ओर बढ़ रही है। किसानों के खेतों में बड़ी संख्या में बेसहारा पशु फिरते रहते हैं और रात के समय तो फसलों की बहुत बर्बादी करते हैं। कई किसान रात के समय भी अपने खेतों में चक्कर लगाते हैं। वहीं जो बेसहारा पशु खेतों में फिरते हैं उनमें से कई गाएं व सांड मनुष्य को चोटें मार देते हैं। किसान जज सिंह, दर्शन सिंह, नैबसिंह, स्वर्ण सिंह व इकबाल सिंह आदि ने बताया कि कई बेसहारा पशु ऐसे हैं, जो बेहद खतरनाक हैं। जब इनको खेतों में से बाहर निकाला जाता है तो ये हमला भी कर देते हैं।

कई गांवों वाले बेसहारा पशुओं को भगाने का देते हैं ठेका 
अपनी फसलों को इन बेसहारा पशुओं से बचाने के लिए किसानों ने अपने खेतों में लोहे की तारें लगाई हुई हैं तथा कंडों के साथ भी बाड़ की हुई है परन्तु फिर भी बेसहारा पशु इनके ऊपर से आ जाते हैं। लोहे की इन तारों पर किसान हजारों रुपए खर्चा करते हैं क्योंकि इनके लिए सीमैंट के बने खंभे भी लगाने पड़ते हैं परन्तु लाभ कोई नहीं होता। पता लगा है कि कुछ गांवों के किसान अपनी फसलों को बचाने के लिए रक्षकों को पैसे देते हैं और गांव में खेतों को जाने वाले  हरेक रास्ते पर रक्षकों को बिठाया जाता है। कुछ गांव ऐसे भी हैं, जहां किसानों ने घोड़ों वालों को ठेका दिया हुआ है और हजारों रुपए इन घोड़ों वालों को हर साल देते हैं। 

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