नशों के ‘छठे दरिया’ में डूब रही पंजाब की नौजवान पीढ़ी

Edited By swetha,Updated: 26 Jun, 2019 09:42 AM

drugs in punjab

गुरुओं-पीरों और शहीदों की धरती पंजाब को कोई नजर लग गई है, जिस कारण नौजवान पीढ़ी ने अपना रुख नशों की तरफ किया हुआ है।

श्री मुक्तसर साहिब(तनेजा): गुरुओं-पीरों और शहीदों की धरती पंजाब को कोई नजर लग गई है, जिस कारण नौजवान पीढ़ी ने अपना रुख नशों की तरफ किया हुआ है। आज हर घर तक नशा अपनी पहुंच कर चुका है और अनेक घरों के चिराग नशों ने बुझा दिए हैं। यदि देखा जाए तो राज्य में नशों की बाढ़ आई हुई है। चाहे हर रोज नशों कारण मौतें हो रही हैं परन्तु सरकार इसको रोकने में फेल साबित हुई है।
पहले अफीम, शराब व भुक्की आदि नशे ही थे परन्तु पिछले एक दशक से स्मैक, हैरोइन, चरस, चिट्टा आ चुका है।

 इसके अलावा अंग्रेजी दवाओं की दुकानों से भी बहुत से नशे जिनमें गोलियां, कैप्सूल, टीके व पीने वाली दवाएं शामिल हैं, मिलते हैं। कोई गांव ऐसा नहीं बचा जहां नशा न हो। चुनाव से पहले सभी राजनीतिक पार्टियों की तरफ से नशों के 6वें दरिया को खत्म करने के वायदे व दावे किए जाते हैं परन्तु राज भाग पर बैठ कर नशों की इस बड़ी समस्या को कोई गंभीरता से नहीं लेता और सब अपने-अपने नंबर बनाने के चक्कर में लगे रहते हैं। यहां तक कि मुख्यमंत्री ने लोगों को भावुक करने के लिए श्री गुटका साहिब को हाथ में पकड़कर कसमें भी खाईं परन्तु नतीजा शून्य ही रहा। नशा तस्कर बेखौफ अपना काला धंधा सरेआम चला रहे हैं।

5145 मरीज लेने आए दवा 
स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी अनुसार जनवरी 2019 से जून महीने के अब तक जिले के विभिन्न सैंटरों में 5145 मरीज नशा छोडऩे की दवा लेने आ चुके हैं। वास्तव में नशा करने वालों की संख्या बहुत ज्यादा परन्तु छोडऩे वालों की संख्या न मात्र है।

गांववासियों ने 11 नौजवानों को किया काबू 
नशों संबंधी सरकार व प्रशासन के गंभीर न होने के कारण लोगों ने खुद यह बीड़ा उठाया है, जिसकी ताजा उदाहरण जिले के गांव कोटली के लोगों से मिलती है। इस गांव के नौजवानों में बढ़ते चिट्टे व मैडीकल नशे से ङ्क्षचतित गांववासियों खासकर नौजवान वर्ग द्वारा पार्टीबाजी से ऊपर उठकर एक नशा रोकू समिति का गठन किया गया था और दिन-रात एक करके कुल 11 नौजवान जो नशा बेचने या खुद नशों का सेवन करते थे, को काबू किया गया। इनमें से 3 नौजवानों व उनके पारिवारिक सदस्यों की तरफ से गांव के गण्यमान्यों की हाजिरी में लिखित माफी मांगने और अपना इलाज करवाकर आगे से नशा न करने की तौबा करने पर छोड़ दिया गया तथा अन्य को पुलिस हवाले करके बनती कानूनी कार्रवाई करवाई गई।

क्या कहना है एस.एच.ओ. का
इस संबंधी अंग्रेज सिंह एस.एच.ओ. पुलिस थाना कोटभाई ने कहा कि हर तरह के नशे खत्म करने के लिए पुलिस के साथ-साथ लोगों खासकर नौजवानों व विभिन्न गांवों की ग्राम पंचायतों के सहयोग की बहुत जरूरत है। इसलिए उनकी तरफ से पुलिस के उच्चाधिकारियों के दिशा-निर्देशों पर गांव कोटली की तरह विभिन्न गांवों की पंचायतों व नौजवानों के साथ मिलकर गांवों में नशा रोकू समितियां बनाई जा रही हैं।

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