फरीदकोट में 148 स्थानों से मिला डेंगू का लारवा

Edited By bharti,Updated: 12 Sep, 2018 10:55 AM

dengue larvae found in 148 places in faridkot

डेंगू व मलेरिया के मरीजों की संख्या जिले में लगातार बढ़ रही है, परन्तु कोई विभाग अपनी बनती जिम्मेदारी नहीं...

फरीदकोट (हाली): डेंगू व मलेरिया के मरीजों की संख्या जिले में लगातार बढ़ रही है, परन्तु कोई विभाग अपनी बनती जिम्मेदारी नहीं निभा रहा जिस कारण यह संख्या हर रोज बढ़ रही है। स्वास्थ्य विभाग की लैबोरेटरी से प्राप्त रिपोर्ट अनुसार डेंगू के 8 व मलेरिया के 14 मरीज मिले हैं, जबकि निजी लैबोरेटरियों की रिपोर्ट अनुसार डेंगू मरीजों की संख्या 25 के करीब बताई जा रही है।जानकारी के अनुसार जिले में स्वास्थ्य विभाग ने 16 टीमें बनाई हुई हैं, जो घरों, मोहल्लों और सरकारी दफ्तरों में जाकर सर्वे करती हैं। इस सर्वे दौरान इनको 148 जगहों पर रुके पानी में डेंगू का लारवा मिल चुका है। यह लारवा मोहल्लों और घरों के अलावा एक दर्जन के करीब सरकारी इमारतों में से भी मिला है। माहिरों के अनुसार डेंगू मच्छर का लारवा मिलने के साथ यह संकेत मिलते हैं कि इस संबंधित क्षेत्र में डेंगू बुखार फैलने का खतरा लगातार बरकरार है।वहीं जैतो, सादिक व गोलेवाले में डेंगू और मलेरिया की रोकथाम के लिए प्रशासन कोई दिलचस्पी नहीं दिखा रहा। बताने योग्य है कि डेंगू मरीजों को जागरूक करने व स्वास्थ्य विभाग द्वारा दी जाती सुविधाओं की जानकारी देने में विभाग असफल रहा है। इस कारण डेंगू पीड़ित प्राइवेट अस्पतालों में इलाज करवाने को प्राथमिकता दे रहे हैं।

सूत्रों के अनुसार 8 से 10 डेंगू मरीज फरीदकोट जिले में प्राइवेट अस्पतालों में इलाज करवा रहे हैं, परन्तु विभाग के पास कोई जानकारी नहीं है। राज्य की स्वास्थ्य निदेशक डा. जसपाल कौर ने सभी जिलों के सिविल सर्जनों को पत्र लिखकर सरकारी अस्पतालों में डेंगू, चिकनगुनिया व मलेरिया के संभावी मरीजों के मद्देनजर फीवर कार्नर बनाने को कहा था। 2 अगस्त को लिखे पत्र के बाद अब तक किसी भी अस्पताल में फीवर कार्नर नहीं बनाए गए और न ही निर्देशानुसार अस्पतालों में डिस्पले बोर्ड लगाकर डेंगू के नि:शुल्क टैस्ट और इलाज के बारे में लोगों को जागरूक किया जा रहा है।

डेंगू के लक्षण 
सिर दर्द, तेज बुखार, आंखों के पीछे दर्द, शरीर के सभी जोड़ दुखना, पेट दर्द, शरीर पर लाल दाने निकल आना है।

क्या कहते हैं लोग
फरीदकोट के सुरजीत सिंह और सिमरनजीत सिंह ने बताया कि शहरों व गांवों में भी डेंगू का प्रकोप मौसम के साथ-साथ बढ़ रहा है। न स्वास्थ्य विभाग का इस तरफ ध्यान है और न ही नगर कौंसिल का फोङ्क्षगग करने की तरफ ध्यान है। लोगों ने मांग की कि डेंगू के लारवे को रोकथाम करके लोगों को बचाया जाए।

क्या कहते हैं अधिकारी
सिविल सर्जन डा. रजिन्द्र कुमार राजू ने बताया कि डेंगू से बचाव के लिए लगातार गांवों और शहरों में चैकिंग की जा रही हैं। जहां से लारवा मिलता है, उस क्षेत्र में फोङ्क्षगग करने के लिए नगर कौंसिल को लिखा जाता है और विभाग की तरफ से रोकथाम के लिए की जाने वाली कार्रवाई तुरंत की जाती है। उन्होंने बताया कि डेंगू और मलेरिया की रोकथाम के लिए 12 सितम्बर तक जागरूकता वैन गांवों और शहरों में भेजी जा रही है ताकि लोगों को इस बारे जागरूक करके इससे बचाया जा सके।

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