Edited By Vaneet,Updated: 26 Apr, 2018 05:27 PM
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की ओर से गेहूं या धान के अवशेषों को जलाने पर रोक के मद्देनजर पंजाब सरकार ने किसानों से आग्रह ...
मुक्तसर: नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की ओर से गेहूं या धान के अवशेषों को जलाने पर रोक के मद्देनजर पंजाब सरकार ने किसानों से आग्रह किया है कि वे कटाई के बाद गेहूं के अवशेषों को जलाने के बजाय उसकी जुताई करें ताकि मिट्टी तथा पर्यावरण को नुकसान न पहुंचे।
कृषि विभाग के अधिकारी बलजिंदर सिंह बराड़ ने यहां बताया कि आमतौर पर गेहूं की कटाई के बाद उसके 80-90 फीसदी अवशेष का भूसा बन जाता है तथा जो भी हिस्सा बच जाता है वह खाद का काम करता है। इसलिए उन्होंने किसानों से अवशेषों को न जलाने की अपील की। इसे जलाने से मिट्टी में रहने वाले मित्र कीट जल जाते हैं तथा जहरीली गैसें जैसे कार्बनडाइआक्साइड, कार्बन मोनोआक्साइड, नाइट्रस आक्साइड पैदा होती हैं, जिससे लोगों को सांस की तकलीफ, आंखों में जलन तथा चमड़ी के रोग होने का खतरा रहता है। कृषि अधिकारी ने किसानों को नरमे की बुवाई करने की सलाह दी। गेहूं की कटाई के बाद यह बुवाई का सही समय है। उन्होंने आगाह किया कि गेहूं के अवशेष जलाने वाले किसानों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।