Edited By Vaneet,Updated: 10 Jan, 2019 11:49 AM
पंचायत चुनाव दौरान रंजिश के चलते गांव विर्क खेड़ा के एक दिहाड़ीदार दिव्यांग दलित की गांव के ही 2 व्यक्तियों ने पसलियां तोड़ दी हैं। 12 दिन गुजर जा...
मलोट(जुनेजा): पंचायत चुनाव दौरान रंजिश के चलते गांव विर्क खेड़ा के एक दिहाड़ीदार दिव्यांग दलित की गांव के ही 2 व्यक्तियों ने पसलियां तोड़ दी हैं। 12 दिन गुजर जाने पर भी पुलिस की ओर से दोषियों विरुद्ध कार्रवाई न किए जाने पर परिवार व गांव के दलित भाईचारे में भारी रोष पाया जा रहा है। हालत यह है पुलिस संविधान की बजाय कसम के आधार पर चल रही है।
इसका सीधा सा अर्थ यही हुआ कि पुलिस संविधान का उल्लंघन कर रही है। इस संबंधी मलोट के सरकारी अस्पताल में भर्ती गांव विर्क खेड़ा के नरसिंह ने बताया कि चुनाव से 3-4 दिन पहले वह सरपंची के एक उम्मीदवार के घर से आ रहा था कि गली में गांव के ही एक व्यक्ति और उसके साथी ने उस पर हमला करके उसकी पसलियां तोड़ दीं। इस संबंधी गांव के लोगों ने उसके इलाज व अन्य खर्चा दिलाकर भरपाई करने का भरोसा देकर चुनाव तक कार्रवाई न करने के लिए कहा, परन्तु 2-3 दिन निकलने पर उक्त व्यक्ति उसके इलाज करवाने पर जवाब दे गए। नरसिंह ने मांग की कि उस पर जानलेवा हमला करने वालों के विरुद्ध कार्रवाई की जाए।