Edited By Punjab Kesari,Updated: 30 Nov, 2017 08:06 PM
गुरुग्राम स्थित फोर्टिज मेमोरियल रिसर्च इंस्टीच्यूट में डेंगू से पीड़ित एक 7 वर्षीय बच्ची की मौत से पहले हॉस्पिटल प्रशासन द्वारा उसके इलाज के खर्चे के रुप में लाखों रुपए का बिल परिजनों को थमाने का मामला वीरवार को हाईकोर्ट में उछला। दरअसल डेंगू के...
चंडीगढ़ (बृजेन्द्र): गुरुग्राम स्थित फोर्टिज मेमोरियल रिसर्च इंस्टीच्यूट में डेंगू से पीड़ित एक 7 वर्षीय बच्ची की मौत से पहले हॉस्पिटल प्रशासन द्वारा उसके इलाज के खर्चे के रुप में लाखों रुपए का बिल परिजनों को थमाने का मामला वीरवार को हाईकोर्ट में उछला। दरअसल डेंगू के प्रकोप को लेकर पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट द्वारा स्वयं संज्ञान लेते हुए शुरू किए गए केस में एमिकस क्यूरी अनुपम गुप्ता ने यह मुद्दा उठाया। गुप्ता ने कहा कि हॉस्पिटल ने बच्ची के 15 दिन के इलाज को लेकर 15 लाख रुपए से अधिक का बिल थमा दिया।
इसे अप्रत्याशित बिल बताते हुए जांच की मांग की गई। वहीं कहा गया कि बच्ची की बॉडी घर तक ले जाने के लिए एंबुलैंस तक संबंधित हॉस्पिटल ने मुहैया नहीं करवाई। इस पर हरियाणा सरकार ने कहा कि इस मामले में पहले ही जांच के आदेश जारी हो चुके हैं व रिपोर्ट जल्द ही तैयार कर ली जाएगी। हाईकोर्ट ने 12 दिसंबर तक या इससे पहले रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए हैं। साथ ही हरियाणा सरकार को अपनी जांच तेजी से करने को कहा है।
660 सिरिंजों, 2700 गलव्स इस्तेमाल हुए 15 दिनों में
बच्ची की सितंबर में इलाज के दौरान मौत हो गई थी। उसके पिता ने उसके इलाज व बिलों की जांच की मांग की थी। हॉस्पिटल प्रबंधन द्वारा बच्ची के 15 दिन के इलाज में महंगी दवाइयां लिखवाना, 660 सिरिंजों, 2700 गलव्स के इस्तेमाल होने की बात कही थी। 20 पन्नों की बिल बच्ची के परिजनों को थमाया गया था जो 15.79 लाख का था। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने भी एक ट्वीट के जवाब में आवश्यक कार्रवाई की बात कही थी। जिसके बाद हरियाणा सरकार को मामले में जांच कर 2 सप्ताह में रिपोर्ट देने के आदेश दिए गए थे।
चंडीगढ़ सैक्टरों के हिसाब से दे डेंगू केसों की जानकारी: हाईकोर्ट
पंजाब सरकार द्वारा राज्य में डेंगू को लेकर पेश की गई रिपोर्ट में कहा गया है कि डेंगू को राज्य में नोटिफाई बीमारी घोषित किया गया है। जिसमें प्राइवेट सेक्टर्स के हॉस्पिटल्स को डेंगू केसों की रिपोर्ट पंजाब हैल्थ डिपार्टमेंट को देना आवश्यक किया गया है। वहीं मामले में हाईकोर्ट ने चंडीगढ़ प्रशासन को वर्ष 2017 में सामने आए डेंगू के मामलों को लेकर सेक्टरों के हिसाब से विस्तृत रिपोर्ट पेश करने को कहा है ताकि संवेदनशील जगहों पर रोकथाम तेजी से की जा सके।
शहरी इलाकों में तेजी से बढ़ा डेंगू, मोहाली में सबसे ज्यादा केस: रिपोर्ट
पंजाब सरकार ने स्टेटस रिपोर्ट में कहा है कि डेंगू केस अधिकतर शहरी इलाकों से सामने आ रहे हैं। 20 नवंबर, 2017 तक सामने आए 14248 मामलों में से 9972 केस शहरी इलाकों में सामने आए हैं। पिछले वर्ष शहरी इलाकों में यह आंकड़ा 7432 थे। वहीं बताया गया कि अन्य राज्यों के डेंगू से जुड़े 694 केस इस वर्ष पंजाब में दर्ज हुए हैं।
राज्य में सबसे ज्यादा डेंगू के केस मोहाली जिले में सामने आए हैं। यह संख्या 2346 है। वहीं चंडीगढ़ में 317 केस सामने आए हैं। वहीं रिपोट में बताया गया है कि डेंगू की रोकथाम को लेकर उचित्त प्रयास कि ए जा रहे हैं। जिनकी विस्तृत जानकारी रिपोर्ट में दी गई है।