Edited By Punjab Kesari,Updated: 24 Dec, 2017 10:09 AM
श्री गुरु गोबिंद सिंह जी महाराज के प्रकाश दिवस के शुक्राना समागम में प्रबंध करते हुए जो कोई कमी रह गई हो तो दिल से माफ कर देना। हमारा बिहार एक गरीब राज्य है फिर भी हमने कोशिश की है। मुख्यमंत्री बिहार नीतीश कुमार के ऐसा बोलते टैंट सिटी के दरबार हाल...
पटना(रमनदीप सिंह सोढी): श्री गुरु गोबिंद सिंह जी महाराज के प्रकाश दिवस के शुक्राना समागम में प्रबंध करते हुए जो कोई कमी रह गई हो तो दिल से माफ कर देना। हमारा बिहार एक गरीब राज्य है फिर भी हमने कोशिश की है। मुख्यमंत्री बिहार नीतीश कुमार के ऐसा बोलते टैंट सिटी के दरबार हाल में श्री गुरु ग्रंथ साहिब की हजूरी में संगतों ने बोले सो निहाल के जैकारों से नीतीश कुमार को शुक्राने में जवाब दिया। संगतों के उत्साह तथा आनंद में बिहार सरकार की तैयारियों हेतु अथाह खुशी झलकती है। आखिर इन प्रबंधों में कोई कमी कैसे महसूस कर सकता है? श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के 350वें प्रकाश दिवस के बाद उनका 351वां प्रकाश दिवस पूरे बिहार में शुक्राना समागम के तौर पर मनाया जा रहा है।
23 दिसम्बर से शुरू हुए तीन दिवसीय समागम के पहले दिन टैंट सिटी के दरबार हाल में रब्बी बाणी के माहौल में शुरूआत हुई। इस मौके बिहार सरकार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहित बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी भी मौजूद थे। इसके अलावा केंद्रीय मंत्री सुरिंद्रजीत सिंह आहलूवालिया तथा हरजीत सिंह पुरी भी शामिल हुए। अलग-अलग धर्मों से दशमेश पिता जी के प्रकाश दिवस मौके ऋषिकेश से स्वामी चितानंद, जैन समाज से लुकेश मुनी जी, मौलाना नेहन मोहम्मद, फादर फैड्रिक डिसूजा, तख्त श्री पटना साहिब के जत्थेदार ज्ञानी इकबाल सिंह के साथ पहुंचे हुए थे। समूह संतों ने मानव कल्याण तथा गुरु साहिब के संदेश को याद करते हुए उनको प्रणाम किया।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ‘प्रकाश पुंज’ स्मारक का रखा नींव पत्थर
मुख्यमंत्री बिहार ने इस मौके ‘प्रकाश पुंज’ स्मारक का नींव पत्थर भी रखा। सभी के हितों को ध्यान में रखते हुए इस मल्टीपर्पज केंद्र में श्री गुरु गोङ्क्षबद सिंह जी तथा समूचे सिख अध्यात्म के उपदेशों को लेकर खोज कार्य होंगे तथा म्यूजियम के जरिए संगतें गुरु साहिब के जीवन बारे ज्ञान हासिल कर सकेंगी। यह केंद्र बिहार सरकार के गुरुद्वारा गुरु का बाग के नजदीक राज्य सरकार की खेतीबाड़ी मार्कीट कमेटी की जमीन को एक्वायर करके बनाना है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि कुख तथा रुख की महत्ता हमें सिख धर्म से पता लगती है। उनके मुताबिक बिहार की धरती की महानता हम यहां से ही महसूस कर सकते हैं कि महात्मा बुद्ध की धरती बिहार है। महावीर जैन का जन्म, ज्ञान तथा निर्वाण इसी धरती की देन है। सबसे महत्वपूर्ण बात दशमेश पिता जी का हमारी धरती पर जन्म लेना है। इसलिए हमारा फर्ज है, धर्म है तथा बिहार वासियों का गौरव है। इसी बहाने हमें सेवा का मौका मिलता है तथा यह हमारे लिए बहुत खास है। यह हमारा सौभाग्य भी है कि हमें यह मौका बार-बार मिलता रहे।
लंगर सेवा के लिए पंजाब से पहुंचे 5000 सेवादार
चावल-चावल-चावल!, करता बिहार का निवासी सिख भाईचारे के साथ मिल कर सेवा को समर्पित लंगर बरता रहा है। लंगरों में विभिन्न प्रकार के पकवान, संगतों का सेवा को लेकर उत्साह देखने लायक है। इस मौके पर लंगर की सेवा के लिए पंजाब वासी पहुंचे हुए हैं। पंजाब का माझा, मालवा व दोआबा एक ही पंडाल में इकट्ठे होकर सेवा कर रहे हैं। एक तरफ अमृतसर से बाबा कश्मीरा सिंह भूरी वाले तथा संगतों ने लंगर की सेवा संभाली हुई है तो दूसरी तरफ बर्घिंघम (इंगलैंड) से बाबा महिंद्र सिंह तथा संगतों ने लंगर की सेवा संभाली हुई है।एन.आर.आई. भाई तथा बहनें सफेद पोशाकों में सज कर लंगर की सेवा दिन-रात कर रहे हैं।
जानकारी के अनुसार 400 के लगभग एन.आर.आई. भाईचारे से इस सेवा में भाई व बहनें शामिल हैं। इसके अलावा टैंट सिटी के लंगर हाल तथा बाहर के लंगर हाल में पंजाब से आए सेवादारों की गिनती 5000 के लगभग है। प्रबंधकों द्वारा सुबह चाह-पकौड़े, बेसन की मिठाई, जलेबियां तथा गुलाब जामुन वितरित किए जा रहे हैं। प्रात: 7 बजे लंगर तैयार होने के बाद दाल, कड़ी, मिक्स सब्जी, मटर पनीर, सादा प्रशादा, तंदूरी तथा रूमाली प्रशादा भी वितरित किया जाता है जिसके लिए बाकायदा बीबीयां पंजाब से वहां पहुंची हैं।
बिहार सरकार का अगला कदम
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार सरकार शराबबंदी से बिहार को नशामुक्त करने में कदम आगे बढ़ा रही है। इसके बाद हमारी कोशिश है कि बिहार में दहेज प्रथा तथा बाल विवाह के खिलाफ मुहिम शुरू की जाए। बिहार सरकार चम्पारण शताब्दी मनाने जा रही है जो भारत की आजादी की गाथा में अहम किस्सा बन चुका है।
दसवें गुरु महाराज महान योद्धा, दार्शनिक, कवि तथा संत सिपाही थे
मुझे यह जानकर बहुत खुशी है कि बिहार में सिख भाईचारा तथा समूह बिहार दसवें पातशाह श्री गुरु गोबिंद सिंह का गुरुपर्व मना रहा है। दसवें गुरु महाराज महान योद्धा, दार्शनिक, कवि तथा संत सिपाही थे। उन्होंने अपनी जिंदगी तथा परिवार मानव कल्याण तथा शांति के लिए कुर्बान कर दिया। इतिहास में ऐसी उदाहरण बेमिसाल है। हमें उनके बताए मार्ग पर चलते हुए उनकी शिक्षाओं को जिंदगी में लागू करना चाहिए। इस मौके पर मैं समूह संगतों को बधाई देता हूं तथा गुरु साहिब को कोटि-कोटि प्रणाम करता हूं।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद
‘सिख भाईचारे से संबंधित एक तख्त बिहार में होना हमारे लिए गर्व की बात’
मुख्यमंत्री बिहार नीतीश कुमार ने गुरु गोबिंद सिंह जी बारे विचार प्रकट करते हुए कहा कि ऐसे गुरु जो संत सिपाही, महान योद्धा, सामाजिक, आध्यात्मिक, राजनीतिक चिंतक तथा विद्वान हों, बहु-भाषा का ज्ञान रखते हों, 42 वर्ष की आयु में ऐसा जज्बा पेश कर गए हों तो यह कोई मामूली बात नहीं होती।उन्होंने आगे कहा कि सिख समाज बिहार में भी काफी कम गिनती में है और देश में भी सिर्फ 2 प्रतिशत है। पर जब बात देश की सुरक्षा की हो तो भारतीय फौज के जांबाज सिपाही तथा देश के अन्नदाता गुरु साहिब जी के ये सपूत हैं। उन्होंने हरित क्रांति से देश को भूख से बचाने की बात करते हुए कहा कि यह हमारे बिहार के लिए गर्व की बात है कि सिख भाईचारे से संबंधित एक तख्त हमारे बिहार में है।