HP के तेल डिपो पर विजीलैंस व चीफ कंट्रोलर का छापा

Edited By Anjna,Updated: 14 Jun, 2018 08:04 AM

vigilance and chief controller s print on oil depot

जस्सी स्थित हिंदुस्तान पैट्रोलियम के तेल डिपो पर बुधवार को चंडीगढ़ की विशेष टीम ने छापामारी कर वहां से कुछ अहम दस्तावेज कब्जे में लिए और तेल टैंकरों सहित मशीनों की जांच की गई।

बठिंडा (विजय): जस्सी स्थित हिंदुस्तान पैट्रोलियम के तेल डिपो पर बुधवार को चंडीगढ़ की विशेष टीम ने छापामारी कर वहां से कुछ अहम दस्तावेज कब्जे में लिए और तेल टैंकरों सहित मशीनों की जांच की गई। पैट्रोल पम्प डीलरों की शिकायत पर चंडीगढ़ के चीफ कंट्रोलर नापतोल विभाग, इंटर्नल विजीलैंस व खुराक आपूर्ति विभाग के अधिकारियों ने छापा मारा। सुबह लगभग 10 बजे के बाद अचानक 15 से 20 सदस्यों की टीम ने अपनी गाडिय़ों के ब्रेक हिंदुस्तान पैट्रोलियम के भंडारण के द्वार पर लगाए। टीम ने डिपो के कार्यालय में दबिश दी और सभी दस्तावेज अपने कब्जे में ले लिए।

टीम का नेतृत्व कर रहे चीफ कंट्रोलर जसविंद्र सिंह ने बताया कि पैट्रोल पम्पों को कम तेल मिलने की शिकायत पर यह कार्रवाई की गई है जिसमें अन्य विभागों की भी सहायता ली गई। पूरा दिन टीम रिकार्ड खंगालती रही और मशीनों व टैंकों की चैकिंग की, वहां पर तेल से भरी गाडिय़ों की भी चैकिं ग की गई जिसमें लगभग 6 गाडिय़ों में तेल की मात्रा में फर्क की संभावना व्यक्त की गई। 

करोड़ों के तेल चोरी मामले की सी.बी.आई. भी कर रही जांच 
हिंदुस्तान पैट्रोलियम में 6 महीने पहले सी.बी.आई. ने बठिंडा के गांव जस्सी स्थित डिपो पर छापामारी कर वहां से करोड़ों के तेल चोरी का मामला दर्ज किया था। अधिकारियों, सुरक्षागार्डों व टैंकर चालकों की मिलीभगत से करोड़ों का तेल इस डिपो से चोरी हो चुका है। इसकी भनक उस समय लगी जब वहां से तेल से भरी गाड़ी बिना दस्तावेज के गेट से बाहर आ गई जिसे विजीलैंस ने छापामारी कर कब्जे में लिया। विजीलैंस की पूछताछ दौरान चालकों ने चोरी की बात स्वीकार की, वहीं इसमें कई अधिकारियों व सुरक्षा गार्डों की मिलीभगत संबंधी जानकारी दी। यह मामला सी.बी.आई. को सौंप दिया गया। शिमला की सी.बी.आई. टीम अभी भी इस मामले पर जांच कर ही है। 

पैट्रोल पम्प मालिकों को हो रहा नुक्सान : पैट्रोलियम डीलर एसो. 
पंजाब के पैट्रोलियम डीलर संघ के उपाध्यक्ष विनोद बांसल ने बताया कि कम्पनी की पैट्रोल पम्प तक तेल पहुंचाने की पूरी जिम्मेदारी है लेकिन आमतौर पर टैंकरों में 200 से 500 लीटर तक की कमी पाई जाती है जिसका नुक्सान पम्प मालिकों को होता है। बार-बार कहने के बावजूद कम्पनियां उन्हें पूरी मात्रा में तेल पहुंचाने में नाकाम रहीं। एक टैंकर में 12 हजार लीटर तेल आता है। अगर इसमें 200-500 लीटर तक कम हो जाए तो पता नहीं चलता।

कम्पनी के भंडारों से जब भी कोई टैंकर भरता है तो उसमें 100-200 लीटर का फर्क आता है। उन्होंने मांग की कि इलैक्ट्रोनिक तालों की सहायता से टैंकर को पूरा सील किया जाए और कोड केवल पम्प मालिक को ही दिया जाए।

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