Edited By Vatika,Updated: 25 May, 2018 11:45 AM
भीषण गर्मी व तपिश के साथ ही आसमान से बरस रहे अंगारों के बीच खुले आसमान में घर से बाहर निकलना दुश्वार हो गया है। गर्मी का आलम यह कि सुबह 8 बजते ही धरती तपनी शुरू हो जाती है। 10 बजते-बजते तो लगता है जैसे आसमान से अंगारे बरस रहे हैं। वीरवार को गर्मी का...
बठिंडा (आजाद): भीषण गर्मी व तपिश के साथ ही आसमान से बरस रहे अंगारों के बीच खुले आसमान में घर से बाहर निकलना दुश्वार हो गया है। गर्मी का आलम यह कि सुबह 8 बजते ही धरती तपनी शुरू हो जाती है। 10 बजते-बजते तो लगता है जैसे आसमान से अंगारे बरस रहे हैं। वीरवार को गर्मी का असर पिछले दिनों की अपेक्षा कुछ ज्यादा ही रही। वीरवार का पारा न्यूनतम 27 और अधितम 43 डिग्री सैल्सियस आंका गया। तेज धूप के कारण लोगों का गला सूख रहा था, हर कोई गला तर करने के लिए ठंडे पानी की तलाश कर रहा था। गर्मी के कारण बेजुबान पंछियों का कोलाहल थम-सा गया, वहीं पशु-पक्षी छांव या किसी ओट में दुबके देखे गए। शहर में परिंदों के लिए पर्याप्त पीने का पानी नहीं होने के कारण परेशान दिखाई दे रहे हैं।
हरियाली की कमी है अधिक गर्मी का कारण
शहर में भयंकर गर्मी लगने का कारण यह भी है कि तय मानक के अनुसार शहर में हरियाली नहीं है। राष्ट्रीय मानक के मापदंड के आधार पर किसी भी शहर में कुल क्षेत्रफल का 33 प्रतिशत तक हरियाली होना अत्यंत जरूरी होता है तभी शहरवासियों को स्वच्छ हवा मिल सकती है, हरियाली के वजह से गर्मी भी कम लगती है लेकिन इस मानक से बठिंडा शहर कोसों दूर दिखाई दे रहा है। आंकड़ों में सिर्फ 1.67 ही हरियाली होने से सूरज की गर्मी को कम करना संभव नहीं हो पाता। यही वजह है कि सड़क किनारे हरियाली की कमी होने के कारण ही रोड पर ज्यादा गर्मी लगती है।