Edited By Vatika,Updated: 22 Feb, 2019 11:12 AM
एक तरफ पंजाब के शिक्षामंत्री की तरफ से नकल रहित परीक्षा करवाने की डींगें हांकी जा रही हैं और वहीं दूसरी तरफ विभाग की तरफ से 10वीं कक्षा के लिए भेजे जा रहे प्रश्न पत्र वटसएप ग्रुपों के जरिए लीक होने की बात सामने आई है।
मानसा(जस्सल): एक तरफ पंजाब के शिक्षामंत्री की तरफ से नकल रहित परीक्षा करवाने की डींगें हांकी जा रही हैं और वहीं दूसरी तरफ विभाग की तरफ से 10वीं कक्षा के लिए भेजे जा रहे प्रश्न पत्र वटसएप ग्रुपों के जरिए लीक होने की बात सामने आई है। जिक्रयोग्य है कि गत दिनों विभाग की तरफ से 10वीं कक्षा के 40 प्रतिशत से कम नंबरों वाले ब‘चों के स्पैशल पेपर लिए गए थे और अब 20 फरवरी से प्री- बोर्ड पेपर लिए जा रहे हैं। इन दोनों ही इम्तिहानों के प्रश्न पत्र वटसएप ग्रुपों और शेयरचैट जैसी सोशल नैटवर्किंग साइटों पर पहले ही लीक हो गए थे।
ईमेल की जगह वहाट्सएप ग्रुपों में बी.एम., डी.एम. को भेजे जा रहे प्रश्न पत्र
इस संबंधी अध्यापक संघर्ष कमेटी के नेताओं गुरप्यार कोटली, अमोलक डेलूआना, नरिन्दर माखा, गुरदास रायपुर, हरदीप सिद्धू, नितिन सोढी, करमजीत तामकोट, इंद्रजीत डेलूआना, परमिन्दर सिंह मानसा, सुखचैन गुरने ने रोष जाहिर करते हुए कहा कि शिक्षा सचिव की तरफ से विभागीय प्रक्रिया को बाइपास कर प्रश्न पत्र अपने बी.एम., डी.एम. द्वारा वटसएप ग्रुपों में भेजे जा रहे हैं। जहां से ये आगे लीक हो रहे हैं। जबकि स्कूलों का विभाग के साथ पत्र व्यवहार ईमेल के जरिए होता है। उन्होंने बताया कि 10वीं कक्षा का प्रश्न पत्र स्कूलों को तो 2 बजे के लगभग व्हाट्सएप ग्रुप में डाला जाता है जबकि यह प्रश्न पत्र 2 बजे से पहले ही अन्य वटसऐप ग्रुपों और सोशल नैटवर्किंग साइटस पर उपलब्ध हो जाता है।
बी.एम., डी.एम. के आगे मजबूर जिला शिक्षा अधिकारी
नेताओं ने कहा कि शिक्षा सचिव द्वारा जबरदस्ती चलाए जा रहे पढ़ो पंजाब पढ़ाओ पंजाब प्रोजैक्ट के कुछ बी.एम., डी.एम. जिला शिक्षा अधिकारियों को भी जानते हैं। नियमों अनुसार यह प्रश्न पत्र जिला शिक्षा अधिकारियों के जरिए स्कूल मुखियों तक पहुंचाना चाहिए, परंतु शिक्षा सचिव कृष्ण कुमार की शह प्राप्त इन कुछ बी.एम., डी.एम. के आगे जिला शिक्षा अधिकारी भी अपने आप को बेचारा महसूस करते हैं। जिसके चलते यह लोग मनमानिया करने पर लगे हुए हैं। नेताओं ने चेतावनी दी कि यदि जल्द प्रश्न पत्र ईमेल आई.डी. या खुद छपवा कर भेजने का प्रबंध न किया गया तो वह संघर्ष करने के लिए मजबूर होंगे।