Edited By Vatika,Updated: 22 Aug, 2018 11:54 AM
आम लोगों को क्रिकेट मैच सट्टेबाजी का चस्का लगाकर अंतर्राष्ट्रीय बुकी फर्जी एप के जरिए लूट रहे हैं जबकि पहले इंगलैंड से सट्टेबाजी का धंधा चलता था लेकिन अब आस्ट्रेलिया के सिडनी से होता हुआ दुबई पहुंचता है जहां से भारत के बुकी उनसे लिंक बनाते हैं।
बठिंडा (विजय): आम लोगों को क्रिकेट मैच सट्टेबाजी का चस्का लगाकर अंतर्राष्ट्रीय बुकी फर्जी एप के जरिए लूट रहे हैं जबकि पहले इंगलैंड से सट्टेबाजी का धंधा चलता था लेकिन अब आस्ट्रेलिया के सिडनी से होता हुआ दुबई पहुंचता है जहां से भारत के बुकी उनसे लिंक बनाते हैं।
मोबाइल पर बेटफेयर एप डाऊनलोड कर सट्टेबाज बुकी से संपर्क बनाते हैं जबकि पंटर व्हाट्सएप व इंस्टाग्राम के जरिए बुकी के साथ जुड़े रहते हैं और उनका मोबाइल कई घंटे चलता रहता है। क्रिकेट सट्टेबाजी के मामले में पुलिस की भूमिका भी संदिग्ध रही और माना जाता है कि यह गोरखधंधा पुलिस संरक्षण में ही चल रहा है। क्रिकेट सट्टेबाजों की सूची लंबी है और बुकियों की सूची उससे भी ज्यादा लंबी है। पुलिस को पता होने के बावजूद भी उन्हें पकड़ा नहीं जाता। एक सप्ताह पहले पुलिस ने खानापूर्ति करते हुए क्रिकेट सट्टेबाज सतपाल बांसल को गिरफ्तार किया। जो पहले सिनेमा में कंटीन की ठेकेदारी करता था और वहीं बैठकर वह क्रिकेट सट्टेबाजी का गोरखधंधा चला रहा था। पुलिस ने उसके एक और साथी को भी पकड़ा था जबकि सट्टेबाजों की लिस्ट लंबी है जिसे पुलिस ने छोड़ दिया।
बेटफेयर साइट के लाखों फालोवर
सट्टेबाजी के लिए मशहूर बेटफेयर साइट के अब तक लाखों फालोवर बन चुके हैं और इस साइट पर क्रिकेट मैच की ऑनलाइन सट्टेबाजी की जाती है और यहां तक कि स्क्रीन पर भी इसके भाव डिस्प्ले किए जाते हैं। आम तौर पर इस साइट पर सभी मैचों की सट्टेबाजी की जाती है लेकिन 3 दिन पहले कर्नाटक प्रीमियम का भाव 95 से गिरकर 24 पैसे रह गया था जिससे बेटफेयर धारकों को करोड़ों का नुक्सान झेलना पड़ा। इसके संचालकों ने कर्नाटा प्रीमियम लीग को ब्लैकलिस्ट कर दिया। इससे पहले राजस्थान की राजपुताना लीग को भी ब्लैकलिस्ट किया जा चुका है क्योंकि मैच के दौरान बुकी खेल मैदान में बैठकर ही मैच फिकिं्सग करते देखे गए तो बेटफेयर ने भी उसे अपनी साइट से हटा दिया था।
बेटफेयर का गोरखधंधा
इस एप के जरिए हजारों लोग इससे जुड़े हैं और इसके संचालक कोडवर्ड के जरिए अपने फालोवर को खाते में पैसे जमा करवाने के लिए मैसेज भेजते हैं। यह सारा काम इंस्टाग्राम एप के जरिए या व्हाट्सएप के जरिए होता है जो खुफिया एजैंसियों की पकड़ में नहीं आता। किसी भी अपने ग्राहक को उदाहरण के तौर पर 30 हजार रुपए जमा करवाने के लिए ङ्क्षलक देते हैं 2 रुपए प्वाइंट के हिसाब से 15 हजार प्वाइंट उनके खाते में चले जाते हैं जो एप के जरिए ही क्रिकेट में सट्टेबाजी करता है।
क्या कहते हैं पुलिस अधिकारी
ऑनलाइन सट्टेबाजी व क्रिकेट सट्टेबाजी के बारे में जिले के एस.एस.पी. डा. नानक सिंह का कहना है कि वह इसे जड़ से खत्म करने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि पकड़े गए बुकियों से कुछ नाम भी मिले हैं जिन्हें जल्दी ही धर दबोचा जाएगा। ज्यादातर बुकी राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली, पंचकूला, चंडीगढ़ में बैठकर इस गोरखधंधे को चला रहे हैं, उनकी गिरफ्तारी जरूरी है। यह बड़े मगरमच्छ हैं जबकि शहर में तो छोटी मछलियां ही हैं जो इस धंधे से जुड़ी हुई हैं।
पंटर के साथ बुकी कैसे बनाते हैं संपर्क
पुलिस द्वारा पकड़े गए बुकी सतपाल ने पुलिस के आगे खुलासा किया था कि उनका संपर्क पंटर से जुड़ा होता है। रिलायंस के जिओ सिम के लगभग 50 मोबाइल का एक डिब्बा तैयार किया जाता है जिस पर ऑनलाइन पंटर बुकी के साथ जुड़ा रहता है और वही उसको हर बाल के भाव एस.एम.एस. के जरिए देता है। बुकियों के आप्रेटर उस पर नजर गड़ाए रहते हैं जो हर बाल का भाव अपने आका को देते हैं, जो आगे सट्टेबाजों को भेजते हैं। उनके मोबाइल से फोन व मैसेज तो आ सकता है लेकिन दूसरा उनसे संपर्क नहीं कर सकता। सट्टेबाजों के साथ बातचीत करने के लिए बुकी अलग से मोबाइल रखते हैं।
भारत व इंगलैंड के टैस्ट मैच में चली ऑनलाइन सट्टेबाजी
बेटफेयर साइट के पास लाखों की संख्या में देश विदेश में संदिग्ध अकाऊंट की ट्रेडिंग मैच के दौरान चलती रहती है। इसमें कुछ ऑनलाइन ट्रेडिंग कम्पनियां भी सहयोगी बनती हैं जो लेन-देन का कारोबार करती हैं। दोनों मिलकर लोगों को लूटने में लगी हुई हैं जिस पर कोई भी विराम नहीं लगाया जा सकता। एक बार अकाऊंट खुल गया तो पैसे भी मोबाइल जरिए ही ट्रांसफर किए जाते हैं। भारत व इंगलैंड के बीच मंगलवार को टैस्ट मैच चला जिस पर खूब ऑनलाइन सट्टेबाजी हुई। बेटफेयर के लिंक को देखा जाए तो संचालक अपने बुकियों को सट्टेबाजी के भाव के साथ-साथ उन्हें लगातार मैच संबंधी सूचना देते रहते हैं।