Edited By Vatika,Updated: 18 Jul, 2018 01:11 PM
उमस भरे माहौल में यूं तो बठिंडा निवासियों पर मानसून की बरसात की बूंदें राहत बनकर बरसीं लेकिन महानगर में हुई बारिश अपने साथ मुसीबत भी लेकर आई। मंगलवार सुबह हुई 10 एम.एम. बारिश से ही शहर जलमग्न हो गया जिस कारण लोगों ने पानी में किश्तियां चलाकर सरकार...
बठिंडा: उमस भरे माहौल में यूं तो बठिंडा निवासियों पर मानसून की बरसात की बूंदें राहत बनकर बरसीं लेकिन महानगर में हुई बारिश अपने साथ मुसीबत भी लेकर आई। मंगलवार सुबह हुई 10 एम.एम. बारिश से ही शहर जलमग्न हो गया जिस कारण लोगों ने पानी में किश्तियां चलाकर सरकार के खिलाफ रोष प्रदर्शन किया। गौरतलब है कि महानगर की सीवरेज व्यवस्था बिना बारिश के ही बेहाल थी व अब बारिश ने सीवरेज सिस्टम को बिल्कुल ही ठप्प कर दिया है। इस कारण अधिकांश इलाकों से शाम तक पानी की निकासी नहीं हो सकी।
नगर निगम कई इलाकों से नहीं निकाल पाया पानी
महानगर से पानी निकालने के लिए नगर निगम को खासी मशक्कत करनी पड़ी लेकिन फिर भी कई इलाकों से पानी निकाला नहीं जा सका। लोगों ने कहा कि हर साल राजनीतिज्ञों व अधिकारियों द्वारा बठिंडा से बरसाती पानी की निकासी के बड़े-बड़े दावे किए जाते हैं लेकिन जमीनी स्तर पर कोई काम नहीं किया जाता।
लोगों ने किश्तियां चलाकर किया विरोध
परसराम नगर में संघर्ष कमेटी के अध्यक्ष विजय कुमार के नेतृत्व में लोगों ने मुख्य सड़क पर भरे पानी में किश्तियां चलाकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। विजय कुमार ने कहा कि पंजाब सरकार ने बङ्क्षठडा को डूबने से बचाने के लिए कोई कदम नहीं उठाए। सरकार ने चल रहे प्रोजैक्टों के सभी फंड रोक दिए जिस कारण कोई काम नहीं हो सका व बठिंडा फिर बारिश के पानी में डूब गया। उन्होंने कहा कि वित्तमंत्री मनप्रीत सिंह बादल भी बङ्क्षठडा वासियों के लिए कुछ नहीं कर सके। दूसरी ओर कुछ कांग्रेसी पार्षदों ने बताया कि विजय कुमार ड्रामेबाजी कर रहे हैं। नगर निगम पर अकाली दल व भाजपा काबिज है तथा शहर से पानी की निकासी की पूरी जिम्मेदारी नगर निगम की बनती है।
इन इलाकों में भरा पानी
बारिश के कारण पावर हाऊस रोड, अजीत रोड, सिविल लाइंस, सिरकी बाजार, गोनियाना रोड, भट्टी रोड, परसराम नगर व अन्य निचले स्थलों पर पानी भर गया जिस कारण लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ा।
किसानों ने ली राहत की सांस
उधर बारिश के कारण धान उत्पादक किसानों को लाभ मिला, हालांकि कई ग्रामीण इलाके बारिश से वंचित रहे, इसके बावजूद कुछ इलाकों में हुई बारिश कारण किसानों ने राहत की सांस ली।