Edited By Vatika,Updated: 15 Nov, 2018 11:11 AM
दरबार-ए-खालसा से मांग की कि एस.जी.पी.सी. की बॉडी को भंग कर नए सिरे से चुनाव करवाए जाएं। दरबार-ए-खालसा के मुख्य सेवादार हरजिंद्र सिंह माझी, गुरजंट सिंह भदौड़, बेअंत सिंह लंडे, लशकार सिंह गाजीआणा, हरबंस सिंह जलाल आदि ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए...
बठिंडा: दरबार-ए-खालसा से मांग की कि एस.जी.पी.सी. की बॉडी को भंग कर नए सिरे से चुनाव करवाए जाएं। दरबार-ए-खालसा के मुख्य सेवादार हरजिंद्र सिंह माझी, गुरजंट सिंह भदौड़, बेअंत सिंह लंडे, लशकार सिंह गाजीआणा, हरबंस सिंह जलाल आदि ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि बादल परिवार की ओर से एस.जी.पी.सी. पर कब्जा कर उसे अपनी निजी जागीर बना लिया है।
उन्होंने कहा कि भगता का में एस.जी.पी.सी. की दुकानें श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी के आरोपियों को अलाट कर बादलों ने एक बार फिर सिख कौम से धोखा किया है। उन्होंने कहा कि केवल भगता का में ही नहीं बल्कि और भी कई जगहों पर एस.जी.पी.सी. की जायदादें एक सोची समझी साजिश के तहत डेरा प्रेमियों को दी गई हो सकती हैं।
दशम पिता श्री गुरु गोबिंद सिंह की नकल करने के मामले के बाद डेरा प्रेमियों का सामाजिक बायकाट करने का हुकमनामा जारी किया गया था जिसे पूरी सिख कौम तो मान रही है लेकिन बादल परिवार व एस.जी.पी.सी. इस (हुकमनामे) के खिलाफ काम कर रही है। उन्होंने कहा कि एस.जी.पी.सी. को बादलों के चुंगल से आजाद करवाने की जरूरत है ताकि सिख कौम अपने फैसले खुद कर सके।