Edited By Sunita sarangal,Updated: 15 Dec, 2019 10:59 AM
नगर कौंसिल मौड़ द्वारा बिजली बिलों का 4.33 करोड़ रुपए का बकाया मंडी वासियों की सुरक्षा को खतरे में डाल रहा है
मौड़ मंडी(प्रवीन): नगर कौंसिल मौड़ द्वारा बिजली बिलों का 4.33 करोड़ रुपए का बकाया मंडी वासियों की सुरक्षा को खतरे में डाल रहा है, जबकि अधिकारियों की मिलीभगत के चलते अधिक काम के नाम पर अपने चहेते ठेकेदारों को लाखों रुपए के चैक काटकर नगर कौंसिल मौड़ को कंगाल किया जा रहा है। उक्त प्रकटावा नगर कौंसिल मौड़ के वार्ड नं.-17 के पार्षद गुरजीत पाल सिंह गिन्नी ने शहर की स्ट्रीट लाइटों की बिजली काटे जाने पर शहर में छाए अंधेरे संबंधी पत्रकारों से बातचीत करते किया। पार्षद गिन्नी ने कहा कि मंडी वासी नगर कौंसिल मौड़ को अनेक रूप में करोड़ों रुपए टैक्स अदा करते हैं परन्तु कार्यसाधक अफसर व अध्यक्ष की लापरवाही के कारण मंडी वासी अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। उन्होंने कहा कि शहर में रोजाना लूटपाट की वारदातें हो रही हैं, बिजली के बिलों का भुगतान न कर लूटपाट के काम को नगर कौंसिल मौड़ ने और आसान करते हुए लोगों की जान-माल को खतरे में डाल दिया है।
नगर कौंसिल की लूट को रोका जाए : पार्षद
पार्षद ने उच्चाधिकारियों पर आरोप लगाते कहा कि भले अर्बन मिशन के हुए कार्य के बिलों का भुगतान नगर कौंसिल मौड़ द्वारा किया जा चुका है परन्तु मिलीभगत के चलते आज भी अधिक कार्य के नाम पर लाखों रुपए के चैक ठेकेदारों द्वारा काटे जा रहे हैं, जबकि जरूरी कार्य के बिलों के भुगतान करने में नगर कौंसिल फेल हो रही है, जिस कारण एक बार शहर अंधेरे में डूब चुका है। उन्होंने प्रशासन से मांग की कि शहर वासियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए बिजली के बिल पहल के आधार पर अदा करवाए जाएं और अधिक कार्य के नाम पर काटे जाते चैक पर लगाम लगाकर नगर कौंसिल की लूट को रोका जाए।
जोड़ दिए हैं स्ट्रीट लाइटों के कनैक्शन : जे.ई.
पावरकॉम के जे.ई. गुरचरन सिंह ने कहा कि नगर कौंसिल मौड़ द्वारा 4.33 करोड़ रुपए बकाया है, जिस कारण एक बार स्ट्रीट लाइटों के कनैक्शन काटे गए हैं। अब नगर कौंसिल मौड़ ने 25 लाख रुपए का भुगतान कर दिया है जिस कारण कनैक्शन जोड़ दिए गए हैं।
पिछले समय का है बिजली का बकाया : कार्यसाधक अफसर
कार्यसाधक अफसर भरतवीर सिंह ने कहा कि बिजली का बकाया पिछले समय का है। बिजली विभाग के अधिकारियों को नगर कौंसिल मौड़ के 2 प्रतिशत टैक्स व चुंगी आदि एडजस्ट करने बारे लिखा गया है। पब्लिक हित को देखते हुए एक बार 25 लाख रुपए का भुगतान कर दिया गया है। अधिक कार्य के चैकों संबंधी उन्होंने कहा कि उनके द्वारा कोई भुगतान नहीं किया गया, अगर पहले किसी अफसर ने किया हो तो वह कुछ कह नहीं सकते।