‘उजाड़ो न पंजाब, दो रोजगार’ नारा लगा दिया फैक्टरी गेट समक्ष धरना

Edited By Anjna,Updated: 21 Jan, 2019 02:05 PM

protest news

प्रदूषण कंट्रोल व रोजगार प्राप्त संघर्ष कमेटी द्वारा कमेटी के प्रधान जत्थेदार पुरुषोत्तम सिंह फग्गूवाला के नेतृत्व में ‘उजाड़ो न पंजाब दो रोजगार’ के नारे तहत नजदीकी गांव हरकृष्णपुरा में नैशनल हाईवे पर स्थित एक धागा फैक्टरी के गेट समक्ष दिए रोष धरने...

भवानीगढ़(कांसल): प्रदूषण कंट्रोल व रोजगार प्राप्त संघर्ष कमेटी द्वारा कमेटी के प्रधान जत्थेदार पुरुषोत्तम सिंह फग्गूवाला के नेतृत्व में ‘उजाड़ो न पंजाब दो रोजगार’ के नारे तहत नजदीकी गांव हरकृष्णपुरा में नैशनल हाईवे पर स्थित एक धागा फैक्टरी के गेट समक्ष दिए रोष धरने दौरान पंजाब सरकार और फैक्टरी मैनेजमैंट विरुद्ध नारेबाजी की।

कमेटी के प्रधान जत्थेदार पुरुषोत्तम सिंह फग्गूवाला ने कहा कि मैनेजमैंट और सरकार ने फैक्टरी लगाते समय इलाके के लोगों से यह वायदा किया गया कि फैक्टरी में 70 फीसदी रोजगार स्थानीय इलाके और राज्य के नौजवानों को दिया जाएगा और बाकी अन्य राज्यों के नौजवानों को सिर्फ 30 फीसदी ही रोजगार दिया जाएगा परन्तु वास्तविकता यह है कि इस फैक्टरी में स्थानीय इलाके और राज्य के मात्र 10 फीसदी नौजवानों को ही रोजगार दिया गया है और बाकी 90 फीसदी रोजगार अन्य राज्य के लोगों को देकर अपने वायदे से मैनेजमैंट मुकर रही है। 

उन्होंने कहा कि उक्त फैक्टरी का दूषित पानी बिना किसी खौफ के धरती में ही खपाए जाने कारण यहां पानी का टी.डी.एस. 500 से पार कर गया है और यहां का पानी पीने योग्य नहीं रहा। जिस कारण आसपास के गांवों में लोगों को कैंसर जैसी भयानक बीमारियां भी अपनी जकड़ में ले रही हैं। उन्होंने कहा कि फैक्टरी द्वारा भमिगत पानी जो अपने प्रयोग में लाया जा रहा है उस पर हमारे इलाके के लोगों का हक है। इसलिए उक्त फैक्टरी को हमारे पानी का प्रयोग किए जाने के बदले इलाके के गांवों को इसका मुआवजा देना चाहिए जिसकी राशि करोड़ों रुपए बनती है जिससे इलाके के गांवों में खुशहाली आएगी। 

जत्थेदार फग्गूवाला ने कहा कि केरला की एक फैक्टरी द्वारा वहां के पानी के किए जा रहे प्रयोग संबंधी लोगों ने अदालत में केस किया था। अदालत ने लोगों के हक में फैसला देते हुए फैक्टरी को पानी के प्रयोग के बदले मुआवजा देने का आदेश दिया है। इसी तरह पंजाब में पानी का प्रयोग कर रही फैक्टरियों को भी इलाके के गांवों में यह मुआवजे देना चाहिए।

उन्होंने कहा कि यह बड़ा सवाल है कि इन फैक्टरियों द्वारा अपनी कमाई और साधनों के लिए हमारी जमीन, हमारे पानी व अन्य संसाधन भी प्रयोग करने के बावजूद रोजगार अन्य राज्यों को दिया जा रहा है और बाहर के राज्यों से आने वाले वर्करों को यहां बसाने के लिए गैर कानून्नी क्वार्टरों का निर्माण करवाकर यहां के लोगो का उजाड़ा किया जा रहा है जो बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने मांग की कि इलाके और राज्य के लोगों को 70 फीसदी रोजगार दिया जाए, जहरीला पानी धरती में खपाए जाने पर फैक्टरी विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाए और पानी के प्रयोग के बदले इलाके के गांवों को मुआवजा दिया जाए जिसकी शुरूआत नजदीकी गांवों से की जाए। 

उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सरकार और फैक्टरी मैनेजमैंट ने हमारी मांगों को जल्द पूरा न किया तो इससे भी तीखा संघर्ष किया जाएगा। इस संबंधी जब फैक्टरी के अधिकारियों से बात की गई तो फैक्टरी के असिस्टैंट मैनेजर इंद्रपाल सिंह ने संघर्ष कमेटी द्वारा लगाए सभी आरोपों को नकार दिया व कहा कि फैक्टरी द्वारा कोई भी प्रदूषण नहीं फैलाया जा रहा। फैक्टरी में अच्छे इस्ट्रूमैंट लगे हुए हैं व पानी को री-साइकिल करके पौधों को दिया जाता है जिसकी प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड द्वारा भी लगातार जांच की जाती है। उन्होंने कहा कि धरना दे रहे व्यक्तियों के साथ फैक्टरी का कोई भी संबंध नहीं है।

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!