जाली दस्तावेजों के आधार पर बैंक को 15.40 लाख का चूना लगाने वाला काबू

Edited By swetha,Updated: 13 Dec, 2018 11:35 AM

police arrest 1 in fraud case

गांव खेड़ी गिला के एक पति-पत्नी द्वारा पटवारी, नंबरदार और बैंक के सेल्जमैन के साथ मिलकर कथित तौर पर जमीन पर लिमिट/लोन लेने के लिए झूठे दस्तावेज तैयार करके आई.सी. आई.सी.आई. बैंक की स्थानीय ब्रांच को 15 लाख 40 हजार रुपए का चूना लगाने वालों में से...

भवानीगढ़(कांसल/संजीव): गांव खेड़ी गिला के एक पति-पत्नी द्वारा पटवारी, नंबरदार और बैंक के सेल्जमैन के साथ मिलकर कथित तौर पर जमीन पर लिमिट/लोन लेने के लिए झूठे दस्तावेज तैयार करके आई.सी. आई.सी.आई. बैंक की स्थानीय ब्रांच को 15 लाख 40 हजार रुपए का चूना लगाने वालों में से पुलिस ने मुकद्दमा दर्ज होने के करीब 7 महीने बाद कथित मुख्य आरोपी जसवीर सिंह को काबू करके जेल भेज दिया।

इस मामले संबंधी जानकारी देते सहायक सब-इंस्पैक्टर वलैती राम ने बताया कि आई.सी. आई.सी.आई. बैंक के स्थानीय ब्रांच के पैनल वकील और सलाहकार संजीव गोयल की तरफ से गई शिकायत अनुसार कि गांव खेड़ी गिला के निवासी जसवीर सिंह और उसकी पत्नी संदीप कौर ने बैंक से जमीन पर लिमिट/लोन करवाने समय बैंक को 42 बीघे 4 बिसवे की मालिकी के कागज पेश किए थे। जिसमें से 6 एकड़ जमीन बैंक के पास गहने रखी गई थी। बैंक की तरफ से लोन देते समय पड़ताल के लिए पटवारी के पास रिपोर्ट भेजी गई थी, पटवारी कर्मजीत सिंह हलका बालद कलां ने गिरदावरी के इंदराजों को सही और दुरुस्त बताया। इसके बाद बैंक ने 30 मार्च 2016 को नायब तहसीलदार को रिपोर्ट के लिए भेजा इसके बाद भार मुक्त सर्टीफिकेट भी जारी कर दिया गया।

सारी रिपोर्ट व दस्तावेजों के आधार पर बैंक ने उक्त की 21 लाख 96 हजार रुपए की खेतीबाड़ी लिमिट मंजूर कर दी। आरोपियों ने बैंक के हक में 28 बीघे 16 बिसवे जमीन की आड़ रहने वाली जमाबंदी पेश की। इसके बाद जसवीर सिंह और उसकी पत्नी संदीप कौर ने इस लिमिट में से कथित तौर पर 15 लाख 40 हजार के करीब की राशि प्रयोग कर ली परन्तु बैंक को इकरारनामा ब्याज जमा नही करवाया। इसके बाद बैंक के कर्मचारियों के बार-बार सूचित करने के बावजूद जब इन्होंने कोई गौर न किया तो बैंक की तरफ से 14 दिसम्बर 2017 को लीगल नोटिस भेजा गया। 

इस संबंधी जब बैंक ने अपने वकील की सहायता से इस केस की पड़ताल की तो सामने आया कि कथित आरोपियों ने आई.सी.आई.सी.आई. बैंक को पटवारी करमजीत सिंह, नंबरदार बलवीर सिंह और गरंटर सोहन सिंह की सहायता से झूठे और फर्जी दस्तावेज तैयार करके अपने आप को गलत तौर पर उक्त जमीन का मालिक दिखाकर लिमिट/लोन अपने हक में पास करवाया है जबकि असल रिकार्ड मुताबिक जमाबंदी 2012-13 तिथि जनवरी 18 में जमीन के लंबरदार मालिक हाकम सिंह पुत्र हरचरन सिंह है।कथित आरोपी के पास अपनी केवल 2 बीघा ही जमीन गांव खेड़ी गीला में है। यहां वर्णनीय है कि उक्त पति-पत्नी के खिलाफ एक समाज सेवी व्यक्ति ने सी.आई.ए. स्टाफ बहादर सिंह वाला को भी धोखाधड़ी के साथ लिए गए लोन संबंधी पहले तफ्तीश के लिए शिकायत की थी। 

इसलिए स्थानीय पुलिस ने डी.ए. लीगल संगरूर की हिदायतों पर बैंक से 21 लाख 96 हजार रुपए की लिमिट/लोन करवा कर बैंक के साथ 15 लाख 40 हजार रुपए की ठगी मारने के आरोप में 8 मई 2018 को जसवीर सिंह, संदीप कौर, बलवीर सिंह नंबरदार, गवाह जसवीर सिंह, गरंटर सोहन सिंह पुत्र चंद सिंह निवासी गांव लखेवाल, पटवारी करमजीत सिंह हलका बालद कलां निवासी नाभा, बैंक के पूर्व सेल्जमैन गुरिंद्र सिंह खिलाफ आई.पी.सी. की धारा 406,420, 467,471 तहत मुकद्दमा नंबर 81 दर्ज किया गया था। जिस तहत अब पुलिस ने कथित मुख्य आरोपी जसवीर सिंह को काबू करके कार्रवाई करते जेल भेज दिया है। 
सहायक सब इंस्पैक्टर वलैती राम ने बताया क बाकी व्यक्तियों द्वारा इस संबंधी जांच के लिए आई.जी. जोन फस्र्ट पटियाला के पास अर्जी दी हुई है। जिसकी जांच का जिम्मा डी.एस.पी. डी. पटियाला के पास है और डी.एस.पी. डी. पटियाला की जांच रिपोर्ट आने पर उस अनुसार बाकी व्यक्तियों के विरुद्ध भी जल्द बनती कार्रवाई की जाएगी।

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