Edited By swetha,Updated: 22 Nov, 2018 10:35 AM
पैट्रोल तथा डीजल के पिछले लगभग एक माह से गिर रहे दामों से चाहे आम लोगों को थोड़ी राहत महसूस हुई है परन्तु इसको गृहिणियां तथा लोग मोदी सरकार का राजनीतिक स्टंट मानकर चल रहे हैं। लोगों का मानना है कि फिलहाल 5 राज्यों में चुनाव के मद्देनजर मोदी सरकार अब...
बरनाला(विवेक सिंधवानी, गोयल):पैट्रोल तथा डीजल के पिछले लगभग एक माह से गिर रहे दामों से चाहे आम लोगों को थोड़ी राहत महसूस हुई है परन्तु इसको गृहिणियां तथा लोग मोदी सरकार का राजनीतिक स्टंट मानकर चल रहे हैं। लोगों का मानना है कि फिलहाल 5 राज्यों में चुनाव के मद्देनजर मोदी सरकार अब पैट्रोल तथा डीजल की दरों में प्रतिदिन कमी करती जा रही है लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है। इसकी मूल वजह है कि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें घटकर 64,65 डालर प्रति बैरल तक गिर गई हैं। इसका असर ईंधन की कीमतों पर पड़ रहा है।
विशेषज्ञों की मानें तो भविष्य में इन कीमतों में और अधिक गिरावट आने से कीमतों में और गिरावट दर्ज होगी जिसका लाभ लोगों को मिलेगा। गिरती कीमतों पर लोगों की विचारधारा जानने के लिए पंजाब केसरी द्वारा लोगों के बीच जाकर उनके विचार जाने गए। वर्णनीय है कि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें ऐसे समय में कम हुई हैं जब देश में 5 राज्यों में चुनाव होने हैं जिससे केंद्र सरकार को भरपूर लाभ मिल रहा है। पैट्रोल तथा डीजल के दाम 18 अक्तूबर से लगातार कम हो रहे हैं तथा आज तक शहर में डीजल के दामों में लगभग 6.75 पैसे तथा पैट्रोल के दामों में 4.25 पैसे तक की कमी आई है तथा आगे भी कमी लगातार जारी है।
अंतर्राष्ट्रीय बाजार में पहले भी कम हुई हैं कीमतें : शाम सुंदर
इस संबंधी समाज सेवी शाम संदुर ने कहा कि ऐसा नहीं है कि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमते अभी कम हुई है यह पहले भी कम थी लेकिन सरकार ने अपने हिसाब से पैट्रोल डीजल की दरे बढ़ा दी थी तथा टैक्स लगा दिए थे। यदि सरकार चाहती तो पहले ही पैट्रोल व डीजल की कीमते कर सकती थी लेकिन सरकार ने ऐसा नही किया।
सरकार को आम जनता का भी ध्यान रखना चाहिए : रायसरिया
अग्रवाल सभा के जिलाध्यक्ष प्यारा लाल रायसरिया ने कहा कि डीजल तथा पैट्रोल के दाम कम होने से लोगों को अब थोड़ी राहत महसूस हुई है। सरकार को चाहिए कि वह इन पर अपना नियंत्रण बना कर रखे ताकि आम जनता को अपनी जेब ढीली न करनी पड़े। जब अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कीमतें कम हुई थी तो सरकार ने उस समय उस हिसाब से कीमतें कम नहीं की थी तथा टैक्स बढ़ा दिए थे।
सरकार चाहती तो पहले भी कीमतों में आ सकती थी गिरावट
गृहिणी नीरजा रानी ने कहा कि सब कुछ सरकार के हाथ में ही होता है यदि सरकार राहत देना चाहती तो पहले भी पैट्रोल तथा डीजल के दामों में गिरावट आ सकती थी लेकिन अब तक सरकार की मंशा नही थी, अब जब चुनाव नजदीक आए तो पैट्रोल तथा डीजल की कीमतें भी कम हो गई। ये सरकार को लोगों को भ्रमित करने का एक तरीका है। -