जिंदा जले युवकों का मामलाः फैक्टरी मालिक तथा प्रशासन के खिलाफ की नारेबाजी,स्थिति तनावपूर्ण

Edited By swetha,Updated: 06 Dec, 2018 11:34 AM

people protest against factory

उगोके रोड स्थित बांसल फोम फैक्टरी में लगी आग में 3 युवकों के जिंदा जल जाने के बाद गांववासियों में फैक्टरी प्रबंधकों व जिला प्रशासन के विरुद्ध भारी रोष पैदा हो गया है। उन्होंने किसान संगठनों ने फैक्टरी के समक्ष धरना लगाकर फैक्टरी मालिकों तथा जिला...

बरनाला(विवेक सिंधवानी, गोयल): उगोके रोड स्थित बांसल फोम फैक्टरी में लगी आग में 3 युवकों के जिंदा जल जाने के बाद गांववासियों में फैक्टरी प्रबंधकों व जिला प्रशासन के विरुद्ध भारी रोष पैदा हो गया है। उन्होंने किसान संगठनों ने फैक्टरी के समक्ष धरना लगाकर फैक्टरी मालिकों तथा जिला प्रशासन विरुद्ध नारेबाजी की। इस कारण हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं।

वहीं हादसे के 24 घंटे बाद भी दिन भर आग की लपटें बीच-बीच में उठती रही, जिन्हें काबू करने के लिए बरनाला की दमकल गाड़ियां राहत कार्य में लगी रही। दमकल विभाग के कर्मचारी दिन भर आग बुझाने में लगे रहे। वर्णनीय है कि गांव उगोके में 9 माह पहले लगी फोम व गद्दा फैक्टरी में गत मंगलवार सुबह गैस सिलैंडर फटने से हुए धमाकों के बाद लगी भीषण आग में 3 नौजवान मजदूर जिंदा जलकर मर गए और 2 मजदूर बुरी तरह से झुलस गए थे। इस पूरे हादसे को लेकर आम लोग, पीड़ित परिवार, गांववासी, अधिकारी सभी फैक्टरी मालिकों को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।

मुख्यमंत्री के आदेश के बाद प्रशासन ने किया फैक्टरी में सर्च आप्रेशन
प्रदेश के सी.एम. कैप्टन अमरेंद्र सिंह द्वारा हादसे के बाद बरनाला के डी.सी. को आग के कारणों का पता लगा कार्रवाई करने के दिए आदेशों के बाद बुधवार को बरनाला पुलिस व सिविल प्रशासन ने सांझे तौर पर फैक्टरी में सर्च अभियान चला दिन भर हादसे की अधिकारियों ने जांच की। 
बच्चे रो-रोकर कह रहे हैं कि पापा कब आएंगे हादसे में मरे साधु सिंह के पिता की 20 साल पहले मौत हो गई थी। साधु की मौत के बाद पूरा परिवार बिखर गया। बच्चे रो रहे हैं कि पापा कब आएंगे।

सख्त कार्रवाई करने व आरोपी फैक्टरी मालिकों की गिरफ्तारी होने तक संस्कार करने से किया इंकार 
किसान संगठनों तथा पारिवारिक मैंबरों ने मांगें पूरी होने तक मृतकों का संस्कार करने से इंकार कर दिया। हादसे में जिंदा जलकर मरे तीनों नौजवानों के गांव में दिन भर चूल्हे तक नहीं जले और पीड़ित परिवारों का हाल भी किसी से देखा नहीं जा रहा। तीनों मृतक नौजवान अपने परिवारों में अकेले ही थे जोकि अपने माता-पिता का सहारा थे।

फैक्टरी मालिकों ने किसी तरह का फायर सेफ्टी सर्टीफिकेट ही नहीं लिया
एस.डी.एम. बरनाला संदीप कुमार ने बताया कि प्रशासन के पास इस फैक्टरी की किसी तरह की कोई जानकारी नहीं है और न ही हमें कोई एन.ओ.सी. दिखाई गई है जबकि फायर अधिकारी गुरजीत सिंह ने बताया कि उनके पास से भी फैक्टरी मालिकों ने किसी तरह का फायर सेफ्टी सर्टीफिकेट नहीं लिया और न ही एन.ओ.सी. के लिए अप्लाई किया है। उनके पास इस फैक्टरी का कोई रिकार्ड नही है। फैक्टरी अवैध तौर पर चल रही थी। इसके अलावा फैक्टरी के अंदर सैंकड़ों की तादाद में पड़े गैस सिलैंडर भी अवैध पाए गए। इसके अलावा न तो फैक्टरी अंदर कोई आपातकालीन रास्ता बनाया गया है और न ही कोई खुला मैदान है। 

हादसे में मरे तीनों युवक थे अपने माता-पिता की इकलौती संतान
 हादसे में मरे तीनों नौजवान मजदूर अपने माता-पिता की इकलौती संतान थे। जिनमें सिकंदर सिंह (22), साधु सिंह (34) और जगजीत सिंह (27) थे। गांव चीमा में आज दिन भर जहां मातम छाया रहा, वहीं मृतक नौजवानों के परिवारों का रो-रोकर बुरा हाल किसी से नहीं देखा गया। घटना से भड़के किसान व मजदूर संघर्षशील संगठन पीड़ित परिवारों के पक्ष में उतर आए हैं, जिन्होंने बुधवार को फैक्टरी के समक्ष टैंट लगाकर पक्का मोर्चा लगा दिया और ऐलान किया कि जब तक सरकार और प्रशासन उनकी मांगें नहीं मानेगा तब तक फैक्टरी समक्ष पक्का मोर्चा लगा रहेगा और अगर 24 घंटे के भीतर मांगें नहीं मानी तो फिर मेन हाईवे जाम कर दिया जाएगा। 

पति की मौत की खबर सुन गर्भवती पत्नी हुई बेसुध
दूसरे नौजवान सिकंदर सिंह की एक साल पहले ही शादी हुई थी। उसकी पत्नी गर्भवती है। जैसे ही सिकंदर की पत्नी को उसके पति की मौत की खबर मिली तो वह बेसुध हो गई। 

जगजीत सिंह की कमाई के सहारे ही परिवार चलता था
इसी तरह, तीसरे नौजवान जगजीत सिंह का दूसरा भाई दिव्यांग है। केवल जगजीत सिंह की कमाई के सहारे ही परिवार चलता था। जगजीत की शादी डेढ़ साल पहले हुई थी। उसकी मौत के बाद गांव में मातम छाया है। 

शार्ट सर्किट ही था धमाके का मुख्य कारण
प्रशासन की तरफ से की प्राथमिक जांच में आग व धमाकों का मुख्य कारण शार्ट सॢकट बताया गया है। एस.डी.एम. संदीप कुमार ने बताया कि फैक्टरी के अंदर गैस सिलैंडर पड़े थे। इन सिलैंडरों से फोम को फुलाया जाता था और साथ ही फोम बनाते समय ज्वलनशील गैस का भी इस्तेमाल होता था। 
जैसे ही बिजली का कट लगा तो सभी मजदूर बाहर आ गए और तीनों मृतक नौजवान अंदर ही थे। थोड़ी देर बाद बिजली आते ही एकदम शार्ट सॢकट होने से आग सिलैंडरों ने पकड़ ली और फिर एक-एक करके धमाके होने लगे। बाकी आगे की जांच की जा रही है। 

इंसाफ न मिला तो हाईवे भी जाम करेंगे 
वहीं दूसरी तरफ, पीड़ित परिवारों के पक्ष में उतरे किसान व मजदूर संगठनों ने आरोपी फैक्टरी मालिकों पर कत्ल का पर्चा दर्ज करवाने और उनकी गिरफ्तारी होने तक तीनों मृतक नौजवानों के पोस्टमार्टम कराने से इंकार कर दिया। उन्होंने ऐलान किया कि जब तक गिरफ्तारी नहीं होती पक्का मोर्चा लगा रहेगा और इंसाफ न मिला तो हाईवे भी जाम करेंगे। 

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