Edited By swetha,Updated: 15 Jul, 2018 12:28 PM
मकान की छत गिरने से चार परिवारों के 20 व्यक्तियों की जान बाल-बाल बच गई परंतु उनके सिर से आशियाना उठ गया। अब उनको अपने भविष्य की चिन्ता सताने लगी है कि वे बरसात के दिनों में कहां बैठेंगे, क्योंकि घर की आर्थिक हालत इतनी खराब है कि वे अपना गुजारा भी...
बरनाला(विवेक सिंधवानी,गोयल): मकान की छत गिरने से चार परिवारों के 20 व्यक्तियों की जान बाल-बाल बच गई परंतु उनके सिर से आशियाना उठ गया। अब उनको अपने भविष्य की चिन्ता सताने लगी है कि वे बरसात के दिनों में कहां बैठेंगे, क्योंकि घर की आर्थिक हालत इतनी खराब है कि वे अपना गुजारा भी बड़ी मुश्किल से चलाते हैं।
जानकारी देते हुए राजू सिंह ने बताया कि रात्रि 10 बजे के करीब हम सोने की तैयारी कर रहे थे कि अचानक छत गिर गई। हमारी अच्छी किस्मत तो यह रही कि हम उस समय कमरे में नहीं थे। छत गिरने से कमरे में पड़े बैड भी मलबे में दब गए। यदि कोई परिवार का मैंबर कमरे में होता तो उसकी जान बचनी मुश्किल थी।
सर्वे करवाकर परिवार को दी जाएगी सहायता
जब इस संबंधी डी.सी. धर्मपाल गुप्ता से बात की तो उन्होंने कहा कि प्रशासन की ओर से सर्वे करवाया जाएगा। छत गिरने के कारण जो भी नुक्सान हुआ है प्रशासन की ओर से इस परिवार की आॢथक सहायता की जाएगी।
कच्चे घर को पक्का करने के लिए दी थी अर्जी परंतु नहीं मिले पैसे
पंजाब केसरी से बात करते हुए लीला सिंह ने बताया कि हमारे घर की छत गिरने की कगार पर थी। इस घर में चार परिवार रहते हैं। कोई रिक्शा चलाकर अपना गुजारा करता है तो कोई रेहड़ी लगाकर। आज की महंगाई के युग में परिवार का खर्चा चलाना भी मुश्किल हो रहा है। एक ओर तो सरकार कच्चे घरों को पक्का करने के लिए पैसे दे रही है दूसरी ओर हमारे घर की छत गिरने की कगार पर थी हमने इस संबंधी अर्जी भी दी थी परंतु हमें कोई भी आॢथक सहायता नहीं दी गई। उसने प्रशासन से मांग की कि घर की छत डालने के लिए हमें आॢथक सहायता दी जाए।