Edited By bharti,Updated: 04 Dec, 2018 12:27 PM
आज प्रात: लगभग 11 बजे शैलर मालिकों और पल्लेदार मजदूर यूनियन के बीच टकराव होते-होते बच गया। जानकारी...
तपा मंडी (गर्ग,शाम): आज प्रात: लगभग 11 बजे शैलर मालिकों और पल्लेदार मजदूर यूनियन के बीच टकराव होते-होते बच गया। जानकारी के अनुसार सरकार की तरफ से शैलर मालिकों को धान की फसल मिलिंग करने के लिए हुक्म जारी कर दिए थे। शैलर एसोसिएशन के प्रधान संजीव कुमार का कहना है कि एसोसिएशन ने सरकार के आदेशानुसार चावल मिलिंग करके अलग-अलग गोदामों में लगभग 70 गाडिय़ों को पास कर दिया है परन्तु एफ.सी.आई. उनको लोड नहीं करवा रही है जिस कारण चावल खराब हो रहे हैं और एजैंसियों को करोड़ों रुपए का नुक्सान हो रहा है।
ये रहे उपस्थित : अश्विनी बहावलपुरिया, संजीव कुमार टांडा, आर.के.मोड़, गोपाल दास, अशोक कुमार, अनिल कुमार, मुनीष कुमार, रविन्द्र कुमार ताजो, तरसेम चंद, रविन्द्र कुमार घुन्नस, आशु, लक्ष्मण दास आदि शैलर मालिक उपस्थित थे। लाभ लेने के लिए यूनियन को किया दोफाड़ लेबर यूनियन के प्रधान पाल सिंह ने कहा कि शैलर मालिक धक्केशाही करते हैं। उन्होंने उनकी यूनियन को अपना लाभ लेने के लिए दोफाड़ कर दिया है। रिश्वत की जो शैलर मालिक बात करते हैं वह बिल्कुल झूठ है। हमें धान के सीजन की आज तक कोई अदायगी नहीं की जिस कारण मजदूरों को काम करना मुश्किल हुआ पड़ा है। सरकार की तरफ हमारा अढ़ाई करोड़ रुपए बकाया खड़ा है जब तक अदायगी नहीं होती हम न काम करेंगे और न ही किसी को करने देंगे। लेबर को अदायगी करनी सरकार का काम संजीव कुमार ने आरोप लगाया कि मजदूर यूनियन के प्रधान पाल सिंह शैलर एसोसिएशन से 1300-1400 रुपए प्रति गाड़ी (540 गट्टे) बतौर रिश्वत मांग रही है जबकि लेबर को अदायगी करना सरकार का काम है।
शैलर मालिकों की तरफ से आज भी बड़ी संख्या में गाडिय़ां चावलों से भरे बोरों को उतारने के लिए गोदामों के बाहर खड़ी हैं क्योंकि ठेकेदार के कुछ मजदूरों ने गेट बंद कर शैलर मालिकों को चावल उतारने नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने सरकार से मांग की है कि इसका जल्द से जल्द हल किया जाए नहीं तो शैलर एसोसिएशन कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगी। इस मुद्दे को लेकर मजदूरों और शैलर मालिकों के बीच टकराव बढ़ गया था जिसको कंट्रोल करने के लिए थाना प्रमुख इंस्पैक्टर गुरप्रताप सिंह के नेतृत्व में पुलिस तैनात थी। पुलिस ने कहा कि अगर कोई कानून का उल्लंघन करेगा तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। एफ.सी.आई. तपा के मैनेजर ने मीडिया से रखी दूरी जब जिला खाद्य आपूर्ति विभाग की कंट्रोलर गीता से बात की तो उन्होंने बताया कि मामला ध्यान में आ गया है, हमारी एजैंसी की अदायगी हो चुकी है। बाकी जांच के लिए अधिकारयों की ड्यूटी लगा दी गई है। जब जिला एफ.डी.आई. के मैनेजर डी.एस. मीना से बात करनी चाही तो उनसे सम्पर्क नहीं हो सका। समाचार लिखे लिखे जाने तक मामला जस का तस था और पुलिस ड्यूटी निभा रही थी।