Edited By Anjna,Updated: 02 May, 2018 08:12 AM
सब्जी मंडी में आज उस समय हंगामा खड़ा हो गया जब चाय पानी के ठेकेदार ने मंडी में खड़ी रेहडिय़ों की पर्ची काटनी शुरू कर दी जिस पर सब्जी मंडी, रेहड़ी-फड़ी यूनियन और चाय की रेहडिय़ों के वर्कर एकत्रित हो गए और मार्कीट कमेटी विरुद्ध नारेबाजी की।
बरनाला(विवेक सिंधवानी, गोयल): सब्जी मंडी में आज उस समय हंगामा खड़ा हो गया जब चाय पानी के ठेकेदार ने मंडी में खड़ी रेहडिय़ों की पर्ची काटनी शुरू कर दी जिस पर सब्जी मंडी, रेहड़ी-फड़ी यूनियन और चाय की रेहडिय़ों के वर्कर एकत्रित हो गए और मार्कीट कमेटी विरुद्ध नारेबाजी की। वर्णनीय है कि ठेकेदार द्वारा जो पर्चियां काट कर रेहड़ी वालों को दी गई हैं उन पर न तो किसी का कोई एड्रैस है व न ही नाम समझ आता है। इसके विरोध स्वरूप चाय की रेहड़ी वालों ने 2 मई को सब्जी मंडी में कोई चाय की रेहड़ी न लगाने का ऐलान किया है। उल्लेखनीय है कि सब्जी मंडी या दाना मंडी में कंटीन के लिए कोई जगह ही तय नही की हुई है और न ही किसी कंटीन का निर्माण किया गया है व चाय पानी का ठेका गत दिवस 3 लाख 31 हजार रुपए वार्षिक कर दिया गया है।
ठेके को लेकर मार्कीट कमेटी के सुपरिटैंडैंट व सचिव के बयान भी अलग-अलग
ठेके को लेकर मार्कीट कमेटी के सुपरिटैंडैंट व सचिव के बयान अलग-अलग सामने आए। जहां कमेटी के सुपरिटैंडैंट कुलविन्द्र सिंह भुल्लर ने कहा कि गत दिवस ही चाय पानी के ठेके की बोली हुई थी व अभी वर्क आर्डर एस.डी.एम. साहिब के हस्ताक्षरों के बाद दिया जाएगा व हमने ठेकेदार को कहा था कि वह वर्क आर्डर काटने के बाद अपना काम शुरू करे जबकि मार्कीट कमेटी के सचिव चमकौर सिंह का कहना था कि हमारी कागजी कार्रवाई रह गई है व ठेकेदार पर्चियां काट सकता है।
जब उनको बताया गया कि ठेकेदार काम कहां करेगा तो उन्होंने कहा वह खुद चाय की रेहड़ी लगाए या चाय की रेहडिय़ों की पर्ची काटे यह उसका काम है। जब उनसे पूछा कि ठेकेदार बूट चप्पलोंं,पनीर बेचने वालों व अन्य काम करने वालों की पर्ची भी काट रहा है तो उन्होंने कहा कि मेरे पास कोई शिकायत नहीं पहुंची जब शिकायत आएगी फिर देखेंगे।
चाय-पानी के साथ-साथ पार्किंग का ठेका भी देगी मार्कीट कमेटी
सब्जी मंडी एसो. के प्रधान प्रदीप सिंगला ने कहा कि मार्कीट कमेटी द्वारा गत दिवस चाय-पानी के साथ-साथ पार्किंग ठेके पर देने का भी प्रोग्राम था पर पार्किंग के लिए कोई व्यक्ति बोली देने नही आया। उन्होंने कहा कि अगर मार्कीट कमेटी पार्किंग ठेके पर देती है तो वह यह यकीनी बनाए कि वह सिर्फ पार्किंग तक ही सीमित रहेगी न कि पार्किंग के ठेकेदार द्वारा गेट पर टोल टैक्स बैरीयर की तरह प्रत्येक आते जाते की पर्ची काटी जाए। पार्किंग का मतलब होता है गाडिय़ां पार्क करने के लिए एक जगह निश्चित की जाए व अगर किसी ने गाड़ी खड़ी करनी है तो वह वहां जाकर अपनी गाड़ी खड़ी करे। अगर पार्किंग के ठेकेदार ने गुंडा टैक्स की तरह पार्किंग फीस लेनी शुरू की तो हमें संघर्ष करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।