Edited By Anjna,Updated: 03 May, 2018 03:03 PM
प्रशासन की लापरवाही कारण देश का अन्नदाता आज मंडियों में रुलने के लिए मजबूर हो रहा है। मंडियों में गेहूं आनी करीब एक महीने पहले शुरू हो चुकी है, परंतु प्रशासन द्वारा किसानों को कोई भी सुविधा उपलब्ध नहीं करवाई गई।
बरनाला (विवेक सिंधवानी, गोयल): प्रशासन की लापरवाही कारण देश का अन्नदाता आज मंडियों में रुलने के लिए मजबूर हो रहा है। मंडियों में गेहूं आनी करीब एक महीने पहले शुरू हो चुकी है, परंतु प्रशासन द्वारा किसानों को कोई भी सुविधा उपलब्ध नहीं करवाई गई।
मौसम विभाग द्वारा लोगों को जागरूक करने के लिए मोबाइल पर संदेश भेजकर सचेत किया जाता है कि आने वाले दिनों में वर्षा होने की संभावना है परंतु यह संदेश जिला प्रशासन तक क्यों नहीं पहुंचता, यह एक पहेली बनी हुई है। आज थोड़ी देर हुई वर्षा ने मार्कीट कमेटी बरनाला के अधिकारियों द्वारा किए प्रबंधों की पोल खोल कर रख दी। जब पंजाब केसरी की टीम ने मंडी का दौरा किया तो मंडी की सड़कों ने तालाब का रूप धारण कर रखा था।
वर्षा के पानी की निकासी न होने कारण व बिना तिरपालों के बोरियों में भरी गेहूं मंडी में खड़े वर्षा के तालाबनुमा पानी में भीग रही थी। सरकार द्वारा मंडियों में फसलों की ढुलाई के लिए बनाई गई नई टैंडर पॉलिसी पूरी तरह फ्लॉप हो जाने कारण गांवों की विभिन्न मंडियों में एजैंसियों की तरफ से खरीदी गई गेहूं की भरी बोरियां मंडियों में बेकार रुल रही हैं। अधिकतर मंडियों व खरीद केन्द्रों में गेहूं की लिफ्टिंग का काम ढीला होने के कारण बड़ी संख्या में खुले आसमान नीचे पड़ी गेहूं की भरी बोरियां आज आई वर्षा में भीग गईं।