सिविल अस्पताल की लैबोरेटरी में मरीजों को दी जा रही गलत रिपोर्ट

Edited By swetha,Updated: 23 May, 2018 02:33 PM

wrong report given to patients in civil hospital s laboratory

सिविल अस्पताल की एमरजैंसी में दाखिल होने वाले मरीजों को गलत लैब रिपोर्ट दी जा रही है। लैबोरेटरी द्वारा मरीज को साधारण शूगर होने के बावजूद 1140 शूगर की रिपोर्ट देकर दहशत का माहौल बनाया जा रहा है। एक ऐसा ही मामला उस समय सामने आया जब गुरु नानक देव...

अमृतसर(दलजीत): सिविल अस्पताल की एमरजैंसी में दाखिल होने वाले मरीजों को गलत लैब रिपोर्ट दी जा रही है। लैबोरेटरी द्वारा मरीज को साधारण शूगर होने के बावजूद 1140 शूगर की रिपोर्ट देकर दहशत का माहौल बनाया जा रहा है। एक ऐसा ही मामला उस समय सामने आया जब गुरु नानक देव अस्पताल में पहुंचे मरीज सहित परिजनों ने 2-2 रिपोर्ट देखकर हैरान हो गए। परिजनों ने गलत रिपोर्ट देने वाले डाक्टर के खिलाफ सिविल सर्जन को शिकायत दे दी है।

 

जानकारी के अनुसार सुशील (23) पुत्र वरिन्द्र कुमार निवासी राम मोहल्ला चौक चिड़ा कटड़ा कर्म सिंह गत दिवस सिविल अस्पताल की एमरजैंसी में चक्कर आने की बीमारी के संबंध में दाखिल हुआ था। एमरजैंसी में तैनात महिला डाक्टर द्वारा अस्पताल की लैब से मरीज के शूगर सहित अन्य टैस्ट करवाए गए। टैस्ट रिपोर्ट आने के बाद महिला डाक्टर ने परिजनों से कहा कि मरीज की शूगर 1140 है तथा इसे काला पीलिया है और मरीज बहुत सीरियस है इसे तुरंत गुरु नानक देव अस्पताल ले जाएं। 

 

मरीज के पिता वरिन्द्र कुमार ने बताया कि उन्होंने महिला डाक्टर को कहा कि उनके बेटे को सिर्फ चक्कर आ रहे हैं पर महिला डाक्टर ने उनकी बात को काटते हुए कहा कि डाक्टर हम हैं कि आप, बच्चे को तुरंत गुरु नानक देव अस्पताल ले जाओ। वरिन्द्र ने बताया कि जब वह जी.एन.डी.एच. की एमरजैंसी में सुशील को लेकर गए तो डाक्टरों ने प्राइवेट लैब के कर्मचारी से 30 रुपए में शूगर का टैस्ट करवाया तो सुशील की शूगर 1140 नहीं 85 आई। वरिन्द्र के अनुसार दोबारा अस्पताल के बाहर जाकर प्राइवेट लैब से टैस्ट करवाया गया तो शूगर महज 70 आई। सभी रिपोर्ट लेकर वह जी.एन.डी.एच. के डाक्टरों के पास गए तो उन्होंने कहा कि सिविल अस्पताल द्वारा काला पीलिया होने की पुष्टि की गई है। इसलिए अभी 6-6 हजार के 2 टैस्ट करवाने के लिए प्राइवेट लैब के कर्मचारी को पैसे दो। 

 

वरिन्द्र ने डाक्टरों को कहा कि उनके पास इतने पैसे नहीं है तो एमरजैंसी में तैनात डाक्टरों ने उन्हें कहा कि अपने मरीज का कहीं ओर ले जाओ। वरिन्द्र ने बताया कि सिविल अस्पताल की लैब द्वारा 1140 शूगर की लिखित रिपोर्ट देने के उपरांत सारा परिवार दहशत में आ गया था। गलत रिपोर्ट के कारण ही उनके बच्चे का गलत इलाज हो सकता था तथा उसकी जान को भी नुक्सान होने की संभावना थी। वरिन्द्र ने कहा कि उन्होंने इस मामले में सिविल सर्जन को भी गलत रिपोर्ट देने वाले डाक्टर के खिलाफ कार्रवाई करने की शिकायत दी है। उन्होंने कहा कि सिविल अस्पताल में मरीजों का शोषण हो रहा है।

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