Edited By bharti,Updated: 18 Aug, 2018 12:52 PM
शहर में आवारा पशुओं का खौफ दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। रात के समय खाली ...
अमृतसर (रमन): शहर में आवारा पशुओं का खौफ दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। रात के समय खाली सड़कों पर आवारा पशुओं के झुंड दिखाई देते हैं, जिससे कई बार भीड़ वाले इलाकों में पशु आपस में लड़ते देखे गए हैं जिससे दुकानदारों के साथ-साथ लोगों का भी नुक्सान होता है। बाजारों में आवारा पशुओं की लड़ाई की वीडियो हर रोज सोशल मीडिया पर दिखाई देती है। पिछले समय में एक आवारा सांड ने तो मंत्री सिद्धू पर भी हमला कर दिया था और एक सांड ने लोहगढ़ निवासी बुजुर्ग की रात को सैर करते हुए जान ले ली थी। इन घटनाओं से भी निगम के सेहत विभाग ने सबक नहीं लिया।
निगम के पास जानवर रखने के लिए जगह नहीं है, जो जगह है तो वह पर्याप्त नहीं है। वहां पर 25 पशु रखने की जगह है लेकिन निगम द्वारा 35 पशु वहां पर रखे गए हैं। वहीं निगम द्वारा राम तीर्थ गौशाला की पैमेंट पैङ्क्षडग पड़ी हुई है। इसलिए वहां पर भी पशु नहीं लिए जा रहे हैं, जिससे शहर में सैंकड़ों आवारा पशु सड़कों पर घूम रहे हैं व वह हादसों को न्यौता दे रहे हैं। कई इलाकों में अवैध डेयरियां नेताओं की शह पर चल रही हैं उन्हें देखने वाला कोई नहीं है। निगम अधिकारियों द्वारा सभी अवैध डेयरियों को कुछ समय पहले बाहर जाने के नोटिस जारी किए गए थे पर उन नोटिसों की किसी ने कोई परवाह नहीं की। शहर में जब कभी किसी डेयरी से कोई पशु उठाया जाता है तो अवैध डेयरी चलाने वाला किसी नेता को साथ ले जाकर अपने पशु निगम से ले आता है। इससे डेयरी चालक भी बैखोफ हो चुके हैं व शहर में धड़ल्ले से अवैध डेयरियां चला रहे हैं। कई बार सामाजिक संस्थाओं के लोग व क्षेत्रवासी शिकायतें करते हैं कि इलाकों में डेयरियां चल रही हैं व लोग सुबह पशु छोड़ देते हैं व शाम को फिर घर ले आते हैं।
दिन भर सड़कों पर घूमती हैं गऊएं
शहर के अंदर अवैध डेयरी चलाने वाले सुबह-शाम गाय से दूध लेकर उन्हें बाहर छोड़ देते हैं और गऊएं सुबह से शाम तक सड़कों पर आवारा की तरह घूमती रहती है, इससे राहगीर भी परेशान होते हैं। शहर के महा सिंह गेट, रणजीत एवेन्यू, बेरी गेट, शहीदां साहिब के पास, हाथी गेट, खजाना गेट, हकीमा गेट, बटाला रोड अन्य जगहों पर गाय सड़कों पर नजर आती हैं।
गौशाला की वजह से ही बची हैं गाय
शहर में घूम रही कई आवारा बीमार गऊएं को गौशालाओं पिंजरापौल गौशाला घी मंडी, लोहगढ़, छहर्टा, मेहता रोड पर रखा गया है व वहीं पर उनकी मरहम पट्टी व चारा दिया जाता है जिससे उनकी जान बची हुई है। शहर की तमाम जगहों पर गऊएं लिफाफे व अन्य गंदगी खाते नजर आती हैं।
गौशाला को लेकर बात चल रही है। हमारे पास पशु रखने की जगह नहीं है जिससे मुश्किल आ रही है। जल्द ही इसका हल निकाल लिया जाएगा।
- डा. अजय कंवर, सेहत अधिकारी नगर निगम