वाहन 4.0 बना अड़ंगा, आर.टी.ए. दफ्तर में फंसी 2 हजार आर.सी.

Edited By swetha,Updated: 23 May, 2018 10:00 AM

transportation office amritsar

परिवहन विभाग की तरफ से ग्राहकों की सुविधा के लिए शुरू किया गया वाहन 4.0 इस समय सुविधा की बजाय दुविधा बनता जा रहा है।  इस सिस्टम के तहत वाहनों की आर.सी. बनाने के काम में भारी रुकावटें देखने को मिल रही हैं।

अमृतसर (नीरज): परिवहन विभाग की तरफ से ग्राहकों की सुविधा के लिए शुरू किया गया वाहन 4.0 इस समय सुविधा की बजाय दुविधा बनता जा रहा है।  इस सिस्टम के तहत वाहनों की आर.सी. बनाने के काम में भारी रुकावटें देखने को मिल रही हैं। पूरे राज्य में जिसमें मुख्य रूप से लुधियाना व जालंधर जैसे जिलों में तो इस सिस्टम के कारण लोग परेशान हैं हीं, वहीं अमृतसर जिले में भी यह सिस्टम परेशानी का सबब बनता जा रहा है। सूत्रों के अनुसार इस समय अमृतसर जिले में 2 हजार से ज्यादा आर.सी. फंसी हुई हैं जिनका प्रिंट नहीं निकल रहा है। इसके चलते उन लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है जिन्होंने नई कार या जीप आदि खरीदी है। 

275 वी.आई.पी. नंबरों में से 60 ही बिके
कभी वह दिन भी थे जब डी.टी.ओ. दफ्तरों में वी.आई.पी. नंबर लेने के लिए मेले जैसा माहौल होता था। कई बार नीलामी के दौरान वी.आई.पी. नंबर 1 लेने के लिए गोली तक चल जाती थी।  परिवहन विभाग की तरफ से जब से वी.आई.पी. नंबरों की नीलामी के लिए ऑनलाइन सुविधा शुरू की गई है तब से ग्राहकों में कमी नजर आ रही है। विभाग की तरफ से जारी की गई पिछली 2 नंबर सीरिजों में अलग-अलग सीरीजों के 2 वी.आई.पी. 1 नंबर खाली पड़े हैं जिनको खरीदने के लिए कोई तैयार नहीं है। इस बार भी विभाग की तरफ से वी.आई.पी. नंबरों की नीलामी तो ऑनलाइन सिस्टम के जरिए की गई है लेकिन 275 वी.आई.पी. नंबरों में से सिर्फ 60 नंबर ही बिक पाए हैं। इसमें भी लोगों को नंबरों की फीस जमा करवाने के लिए परेशान होना पड़ रहा है।

प्रतिस्पर्धा के कारण नीलामी में हो जाता था मुकाबला
वी.आई.पी. नंबरों की नीलामी में भ्रष्टाचार खत्म करने के लिए विभाग ने ऑनलाइन सिस्टम के जरिए नीलामी का फैसला लिया था, लेकिन परिवहन विभाग को रैवेन्यू के रूप में इससे भारी नुक्सान उठाना पड़ा है क्योंकि लोग बहुत कम कीमत पर वी.आई.पी. नंबर खरीद रहे हैं और मुश्किल से ही कोई व्यक्ति रिजर्व प्राइस से ज्यादा पर नंबर खरीदने को तैयार होता है। इस मामले में जब डी.टी.ओ. दफ्तर में सरेआम नीलामी होती थी तो कई बार लोग आपसी रंजिशबाजी में व एक-दूसरे को नीचा दिखाने के लिए ही भारी कीमत देकर वी.आई.पी. नंबर खरीदते थे। एक बार तो 35 लाख रुपए में वी.आई.पी. नंबर 1 नीलाम हुआ था जबकि इस बार 14 मई तक की गई वी.आई.पी. नंबरों की नीलामी में 2.65 लाख रुपए में एक नंबर नीलाम हुआ है जबकि इसका रिजर्व प्राइस 2.50 लाख था।

विजीलैंस विभाग के राडार पर ऑटोमैटिड ड्राइविंग टैस्ट ट्रैक के प्राइवेट कर्मचारी
परिवहन विभाग की तरफ से ड्राइविंग का टैस्ट लेने के लिए बनाया गया ऑटोमैटिड ड्राइविंग टैस्ट ट्रैक अब विजीलैंस विभाग के राडार पर चल रहा है। सूत्रों के अनुसार ट्रैक पर काम करने वाले प्राइवेट कंपनी के कुछ कर्मचारियों की विजीलैंस विभाग को शिकायत की गई है। यह भी चर्चा में रहता है कि बिना ड्राइविंग टैस्ट लिए ही ड्राइविंग लाइसैंस बनाए जा रहे हैं जिसको रंगे हाथों पकडऩे के लिए विजीलैंस विभाग जुट गया है। हालांकि आर.टी.ए. कनवलजीत सिंह का दावा है कि 1-2 कर्मचारियों के बारे में शिकायत तो मिली है लेकिन ड्राइविंग लाइसैंस तभी जारी किया जाता है जब आवेदनकत्र्ता ऑटोमैटिड ड्राइविंग टैस्ट ट्रैक पर ड्राइविंग टैस्ट पास करता है।

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