‘श्री गुरु रामदास के प्रकाश पर्व समागमों में 200 अफगानी सिखों का जत्था होगा शामिल’

Edited By swetha,Updated: 20 Sep, 2018 03:14 PM

shri guru ramdas

श्री गुरु रामदास के प्रकाश पर्व समागमों में इस बार काबुली और खोसती संगत भी बड़ी संख्या में शामिल होगी। इसकी घोषणा शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के मुख्य सचिव डा. रूप सिंह ने की।

अमृतसर(दीपक): श्री गुरु रामदास के प्रकाश पर्व समागमों में इस बार काबुली और खोसती संगत भी बड़ी संख्या में शामिल होगी। इसकी घोषणा शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के मुख्य सचिव डा. रूप सिंह ने की। उन्होंने बताया कि एस.जी.पी.सी. द्वारा इस बार श्री गुरु रामदास के प्रकाश पर्व के मौके पर श्री हरिमंदिर साहिब में करवाए जाने वाले समागमों में शामिल होने के लिए देश-विदेश की संगत के साथ संपर्क किया जा रहा है और इसके अंतर्गत ही वह गत दिवस दिल्ली में अफगानी सिखों के साथ मीटिंग करके आए हैं। उन्होंने बताया कि 200 अफगानी सिखों का जत्था श्री गुरु रामदास जी के प्रकाश पर्व के मौके पर अमृतसर पहुंचेगा, जिनमें से काबुली सिख अपने रिवायती पहनावे सलवार कमीज और एक ही रंग की पगडिय़ों में होंगे। 

उन्होंने कहा कि यह संगत 24 अक्तूबर रात को पहली बार हो रहे कीर्तन समागम, 25 अक्तूबर को नगर कीर्तन और राग दरबार का हिस्सा बनेगी और इसी तरह 26 अक्तूबर गुरु पर्व वाले दिन श्री हरिमंदिर साहिब में रूहानी आनंद लेगी। डा. रूप सिंह ने बताया कि अफगानी सिखों ने मीटिंग के दौरान शिरोमणि कमेटी द्वारा उनको चौथी पातशाही के प्रकाश पर्व के समागमों में शामिल होने के लिए दिए बुलावे पर बेहद खुशी का जाहिर करते हुए कहा कि यह मौका उनके लिए बेहद खास है और वे इस मौके पर उत्साह से हाजिरी भरेंगे। दिल्ली में अफगानी सिखों के साथ हुई मीटिंग में मनोहर सिंह चेयरमैन खालसा दीवान सोसायटी, हीरा सिंह महासचिव, ज्ञानी बलवंत सिंह, जसपाल सिंह, रविन्द्र सिंह, इकबाल सिंह, जत्थेदार बलदेव सिंह, मनसा राम खोसती, संतोख सिंह, बीबी परमजीत कौर पिंकी, सतनाम सिंह सलूजा, रमनदीप कौर आदि मौजूद थे।

दिल्ली में हैं 35 हजार अफगानी सिख 
डा. रूप सिंह ने बताया कि दिल्ली में इस समय अफगानी सिखों की 35 हजार के करीब आबादी है जिनमें काबुली और खोसती दोनों तरह के सिख हैं। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान के सिख गुरुघर के पूर्ण श्रद्धालु हैं। उन्होंने बताया कि अफगानिस्तान में अकाली कोर सिंह द्वारा 1922 में खालसा दीवान वैल्फेयर सोसायटी बनाई गई थी जिसका कार्यालय 1992 में हालात बिगडऩे के कारण दिल्ली में तबदील हो गया था। इस सोसायटी द्वारा दिल्ली में इस समय 630 बच्चे पढ़ाए जा रहे हैं, जबकि अब तक कुल 18500 बच्चे पढ़ाए जा चुके हैं। सोसायटी ने 28 स्कूलों के साथ समझौता किया हुआ है जो कम फीस वसूल करते हैं। इसके अलावा सोसायटी बच्चियों को सिलाई-कढ़ाई का पाठ्यक्रम करवाने का कार्य कर रही है।

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