Edited By Vatika,Updated: 02 Nov, 2018 08:55 AM
सिख संगत ने शिरोमणि अकाली दल और शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के साथ मिलकर कांग्रेस सरकार द्वारा इतिहास की किताबों में गुरु साहिबानों का अपमान करके की बेअदबी विरुद्ध दुख और पीड़ा का प्रकटावा करते हुए 48 घंटे के धरने की शुरूआत की है, ताकि सरकार को...
अमृतसर(ममता): सिख संगत ने शिरोमणि अकाली दल और शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के साथ मिलकर कांग्रेस सरकार द्वारा इतिहास की किताबों में गुरु साहिबानों का अपमान करके की बेअदबी विरुद्ध दुख और पीड़ा का प्रकटावा करते हुए 48 घंटे के धरने की शुरूआत की है, ताकि सरकार को इस गुनाह के लिए जिम्मेदार आरोपियों को सजा देने और इस पाप की भागीदार बनने के लिए माफी मांगने के लिए मजबूर किया जा सके।
इस संबंध में सिख संगत पहले श्री अकाल तख्त साहिब में एकत्रित हुई, जहां श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी करने और सिख इतिहास के साथ खिलवाड़ करने वालों को सजा दिए जाने के लिए अरदास की गई। अरदास के बाद अकाली दल के प्रधान सुखबीर सिंह बादल पार्टी नेताओं, कार्यकत्र्ताओं और सिख संगत के साथ टाऊन हाल में चले गए। वहां उन्होंने कांग्रेस सरकार से गुरु साहिबानों का अपमान करने के लिए तुरंत माफी की मांग करते हुए धरना शुरू किया। उन्होंने उन व्यक्तियों के खिलाफ केस दर्ज करने और गिरफ्तार करने की भी मांग की जिन्होंने पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड के इतिहास की दोषपूर्ण किताबें तैयार कीं और बांटीं।
आरोपियों के विरुद्ध कार्रवाई के लिए कांग्रेस सरकार को 2 दिन का अल्टीमेटम देते हुए अकाली दल के प्रधान ने कहा कि यदि सरकार ने अपेक्षित कार्रवाई न की तो अकाली दल इस बहरी सरकार के कानों तक संगत की आवाज पहुंचाने के लिए एक बड़ा जन आंदोलन शुरू करेगा।अकाली दल के प्रधान ने कहा कि यह बात बिल्कुल स्पष्ट है कि एक कांग्रेसी की साजिश के अंतर्गत बार-बार सिख इतिहास को तोड़ा-मरोड़ा गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि इस समूह षड्यंत्र को 10 जनपथ गांधी परिवार का आशीर्वाद हासिल है, तभी राज्य सरकार की ओर से इसे वापस नहीं लिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हम इस साजिश को कभी कामयाब नहीं होने देंगे। हम किसी को ऐसे अपमानजनक शब्द इस्तेमाल नहीं करने देंगे। उन्होंने कहा कि हमें यही सिखाया गया है कि गुरु गोबिन्द सिंह जी सरबंसदानी थे और गुरु तेगबहादुर जी हिंद की चादर थे। कांग्रेस सरकार हमें इसके उलट पढ़ाना चाहती है जिसे किसी भी कीमत पर सहन नहीं किया जाएगा।